: कारतक : २४९३ आत्मधर्म : १ :
वर्ष २३
वार्षिक लवाजम अंक १
त्रण रूपिया वीर सं. २४९३
कारतक
महावीर भगवान मोक्ष पाम्या, ए वीरनिर्वाणनुंं २४९३मुं वर्ष बेठुं.
वीरनिर्वाणनुं आ बेसतुं वर्ष कारतक सुद एकमे नहि पण आसो वद
अमासे बेठुं. भगवान ए दिवसे (परोढिये) मोक्ष पधार्या हता.
जे दिवसे भगवान मोक्ष पधार्या, गौतमगणधर ते ज दिवसे
केवळज्ञान पाम्या.
अने जे दिवसे गणधरजी केवळज्ञान पाम्या, सुधर्माचार्य ते ज दिवसे
श्रुतकेवळी थया.
एटले मोक्षपद, अरिहंतपद ने श्रुतकेवळीपद त्रणेनो उत्सव एक ज
दिवसे–आसो वद अमासे थयो. ए दिवसे आपणे य ए त्रणे पदनी
भावना भावीने ज्ञानदीपक प्रगटावीए.. आत्माने दीपावीए...ने ए रीते
दीपावलीपर्व उजवीए. आत्मामां नवा नवा मंगल भावो प्रगटावीने नवुं
वर्ष बेसाडीए...ने वीरमार्गे जईए. श्रद्धा–ज्ञानना ऊजवळ दीपकोथी
धर्मीनुं जीवन दीपी रह्युं छे. ए श्रद्धादीप ने ज्ञानज्योत प्रगटाववानी रीत
गुरुदेव जेवा सन्तो आपणने देखाडी रह्या छे...वीरप्रभु जे मार्गे
सिद्धपुरीमां सीधाव्या ते मार्गे पोते जई रह्या छे ने आपणने य साथे
आववा कहे छे के तमे पण आ वीरमार्गे चाल्या आवो.
चालो, ए वीरमार्गप्रकाशी सन्तोनी साथे साथे आपणेय वीरमार्गे जईए.