Atmadharma magazine - Ank 278
(Year 24 - Vir Nirvana Samvat 2493, A.D. 1967)
(Devanagari transliteration).

< Previous Page   Next Page >


PDF/HTML Page 13 of 37

background image
: १० : आत्मधर्म : मागशर : २४९३
भगवन ऋषभदव
तेमना छेल्ला दस अवतारनी आनंदकारी कथा
(महापुराणना आधारे: ले. ब्र. हरिलाल जैन)
[लेखांक आठमो]
[१. महाबल राजा; र. ललितांगदेव; ३. वज्रजंघ राजा;
४. भोगभूमिमां सम्यक्त्वप्राप्ति; प. श्रीधरदेव; ६. सुविधि
राजा; ७. अच्युतेन्द्र; ८. वज्रनाभि चक्रवर्ती; ए आठ भव पछी
अत्यारे आपणा चरित्रनायक सर्वार्थसिद्धिमां अहमिन्द्रपणे
बिराजी रह्या छे.
]