Atmadharma magazine - Ank 279
(Year 24 - Vir Nirvana Samvat 2493, A.D. 1967)
(Devanagari transliteration).

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: १२ : आत्मधर्म : पोष : २४९३
जे निश्चयने आदरे अने व्यवहारनो आदर न करे तेणे ज निश्चय–व्यवहार बंनेने
यथार्थ जाण्या छे. पण जे व्यवहारने आदरवा जेवो माने छे तेणे तो निश्चय–व्यवहारने
जाण्या ज नथी. जेम शरीर अने आत्मा बंनेने जाणवा छतां धर्मात्मा जड शरीरने
पोताथी भिन्न बाह्यपणे ज देखे छे, ने आत्माने ज अंतरमां देखे छे; तेम रागादि
व्यवहारने अने आत्माना शुद्धस्वभावरूप निश्चयने ए बंनेने जाणवा छतां धर्मात्मा
रागादि व्यवहारने तो पोताथी बाह्यपणे देखे छे, ने शुद्धस्वभावने ज पोताना
अंर्ततत्त्वपणे देखे छे. राग ते बाह्यतत्त्व होवा छतां तेने अंतरना स्वभाव साथे एकपणे
जे देखे छे ते मिथ्याद्रष्टि छे. माटे आचार्यदेव कहे छे के आत्माने तो अंतरंगपणे देखवो ने
रागादिने बहिरंगपणे देखवा–आवा भेदविज्ञानना अभ्यास द्वारा जीव अच्युत थाय छे
एटले के अविनाशी मोक्षपदने पामे छे.
भाई! पहेलां आ वातने तारा ज्ञानमां रुचव,–के अंतर्मुख थवुं तेमां ज मारुं हित
छे, ने रागादिमां मारुं हित नथी. रुचिनुं वलण बदलवुं ते ज मूळवस्तु छे. रागादि
व्यवहारनी मदद वडे कोई जीव कदी मुक्ति पामतो नथी, ज्ञानानंद स्वभावनी द्रष्टिथी ज
मुक्ति पामे छे.
अहो, आ पंचमकाळना मुनिओए पण धर्मनी धाराने खंडित थवा दीधी नथी,
सर्वज्ञकेवळी भगवंतोना भावोने एवा ने एवा टकावी राख्या छे. मुनिओ धर्मना
थांभला छे, तेमणे मोक्षमार्गने टकावी राख्यो छे; पोते स्वभावनी ने रागनी भिन्नता
अनुभवीने जगतने पण तेवी भिन्नता देखाडी छे.
स्वभावने अने रागने पहेलां भिन्न जाणीने, स्वभावमां एकाग्रता वडे रागथी
भिन्न थतो जाय छे ते ज मोक्षमार्ग छे. पहेलां तो जीवनी देखवामां ज भूल छे, रागादि
खरेखर पोताना स्वभावथी बाह्य होवा छतां तेने ते अंतरंग तरीके देखे छे, तेनाथी लाभ
माने छे, एटले ते रागथी छूटो पडतो नथी,–मुक्ति पामतो नथी. रागथी भिन्नता जाणे
तो तेनाथी छूटो पडे. धर्मी गृहस्थपणामां होय ने रागादि थता होय छतां ते वखतेय ते
रागादिने बाह्य तत्त्वपणे ज देखे छे, ने ते रागादिथी भिन्न चैतन्यतत्त्वने ज अंतरंग
तत्त्वपणे देखे छे.
जुओ, सीताजी धर्मात्मा हता, तेमने आवुं भान हतुं. रामचंद्रजी प्रत्येना रागने ते
पोताना आत्मस्वभावथी बाह्यपणे जाणता हता, ने चैतन्यतत्त्वने ते रागथी भिन्न
अंतरंग तत्त्वपणे जाणता हता.
रामचंद्रजीए तेमने वनमां मोकल्या हता अने पाछा फर्या त्यारे तेमनी अग्निपरीक्षा