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महत्तानी तुलना जगतमां कोई करी शके नहीं.
अनुकूळता तरफनी आकुळता ते पण दुःख ज छे. भगवान आत्मा तो आनंदनो
उत्पादक छे, ने शुभाशुभराग ते दुःखनो उत्पादक छे. –आम बंनेनी भिन्नताने ओळख.
पापमां दुःख ने पुण्यमां सुख–ए मान्यता अज्ञानीनी छे; पाप अने पुण्य बंनेनुं बंधन
दुःखकारी छे ने आत्मानो ज्ञानभाव (पाप–पुण्य वगरनो) ते ज सुखकारी छे –एम
ज्ञानी जाणे छे.
छे तेथी ते ‘अशुभ’ छे–मलिन छे. (–पुण्य पण ते ‘अशुभ’ मां समाय छे केमके ते पण
बंधमार्ग छे.) अने पुण्य–पाप वगरनो जे मोक्षमार्ग ते शुभ छे–पवित्र छे, तेमां पुण्य
के पाप न आवे. –आ रीते मोक्षमार्ग जुदी चीज छे, ने पुण्य–पापरूप बंधमार्ग जुदी
चीज छे. बंनेनी जात जुदी छे.
१६ मंगल स्वप्नो देखे छे; एवा रत्नने जन्म देनारी माता जगतमां धन्य छे. प्रभो,
आप तो धन्य, ने आपने जन्म देनारी माता पण धन्य! हे माता! तारो तो ते पुत्र छे
पण जगतनो ते तारणहार छे, जगतनो धर्मपिता छे. ईन्द्र पण हजार नेत्रवडे
आश्चर्यथी जेने नीहाळी रहे एवुं तो जेमना देहनुं रूप, एमना आत्माना अचिंत्य
महिमानी शी वात!! –एवा स्वभावथी दरेक आत्मा भरेलो छे. –आवा आत्माने
ओळखवो ते सर्वज्ञ भगवाननी खरी भक्ति छे. भाई, तारा ज्ञानचक्षु खोलीने
आत्माना स्वरूपने देख; तेमां तारा ज्ञाननी सफळता छे.