Atmadharma magazine - Ank 284
(Year 24 - Vir Nirvana Samvat 2493, A.D. 1967)
(Devanagari transliteration).

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: १८ : आत्मधर्म : जेठ : २४९३
छे, अने ते स्वरूपथी बहार नीकळीने जेटला संकल्पो–विकल्पो छे ते दुःखनुं कारण छे.
अंतर्मुख थईने जे निर्विकल्प थाय छे ते ज परमपदने पामे छे. जे जीव चैतन्यस्वरूपने
चूकीने संकल्प–विकल्पने अपनावे छे ते परमपदने पामतो नथी.
संकल्प–विकल्परूप जेटला राग छे ते बधाय संसारदुःखनुं ज कारण छे. ते
रागथी आत्माने लाभ मानवो ते तो झेरनी छरी लईने पोताना पेटमां भोंकीने
तेनाथी लाभ मानवा जेवुं छे. आत्मानो चिदानंद स्वभाव आनंदनुं मूळ छे, ने ते
स्वभावमांथी बहार नीकळीने जे कोई शुभ–अशुभवृत्ति ऊठे छे ते बधी आकुळताजनक
छे, संसारदुःखनुं ज कारण छे. तेने छोडीने चिदानंदतत्त्वमां ठरवाथी ज परमआनंदनो
अनुभव थाय छे.
अहो! केवो सुंदर मार्ग छे!! परम वीतरागी शांतिनो मार्ग छे; अरे! सर्वज्ञना
आवा वीतरागी शांतमार्गने अज्ञानीओ विपरीतरूपे मानी रह्या छे. ज्ञानी धर्मात्मा जाणे
छे के अहो! चैतन्यस्वरूपमां एकाग्र थईने परम वीतरागी आनंदनुं वेदन करवुं ते ज
एक अमने परम ईष्ट छे, ते ज अमने वहालुं छे, ते ज अमारुं प्रिय पद छे, ए सिवाय
रागनी वृत्ति ऊठे ते दुःखदायक छे, ते अमने ईष्ट नथी, ते अमने प्रिय नथी, ते अमने
वहाली नथी. अमे ते रागनी वृत्ति छोडीने चैतन्यमां ज लीन रहेवा मांगीए छीए.
* * *
(वीर सं. २४८२ श्रावण सुद त्रीज)
आ आत्मा पोते ज्ञानस्वरूप छे ने पोते स्वयं आनंद स्वरूप छे; संकल्प–
विकल्पोनी जाळ ऊठे ते आकुळता छे, ते आत्मानुं स्वरूप नथी, ते तो दुःखनुं मूळ छे.
चैतन्यस्वरूपथी बहार नीकळीने, बाह्यविषयोना जे कांई संकल्प–विकल्प थाय ते बधा
हितकर नथी पण दुःखकर छे. ते संकल्प–विकल्पनो नाश करीने चैतन्यस्वरूपमां लीनता
करवाथी ज ईष्ट एवुं परम पद प्राप्त थाय छे–एम भगवाने कह्युं छे. अव्रत के व्रतनी
वृत्ति ऊठे ते ईष्ट नथी, तेमज तेनाथी ईष्टपदनी प्राप्ति थती नथी, निर्विकल्प आनंदनुं
वेदन थाय ते ज आत्माने ईष्ट छे.
आ भगवान आत्मा ईन्द्रियोथी पार अतीन्द्रिय छे, विकल्पोथी पार
निर्विकल्पस्वरूप छे, चिदानंदमय छे; आवा निज आत्माने भूलीने बाह्य विषयो तरफना
झूकावथी जे संकल्प–विकल्प थाय तेमां ज अज्ञानी फसाई रहे छे; परंतु अहीं तो ते
उपरांत एम कहे छे के चैतन्यस्वरूप आत्मानुं भान थया पछी पण अस्थिरताथी जे
व्रतादिना विकल्प ऊठे छे ते पण आकुळतारूप छे–बंधनुं कारण छे–दुःखनुं कारण छे. भले