Atmadharma magazine - Ank 286
(Year 24 - Vir Nirvana Samvat 2493, A.D. 1967)
(Devanagari transliteration).

< Previous Page   Next Page >


PDF/HTML Page 19 of 75

background image
: १२ : आत्मधर्म: ब्रह्मचर्य–अंक (चोथो) : श्रावण : २४९३
निजवैभवमां सिद्धपणुं छे, ते अमे भगवान पासेथी सांभळ्‌युं छे, परम गुरुओए
कृपापूर्वक अमने बताव्युं छे ने अमारा स्वानुभवथी अमे जोयुं छे, ते अमे तने आ
समयसारमां देखाडीए छीए. अहो! आमां तो घणी गंभीरता छे. जे पर्यायमां
रागवगरना अनंता सर्वज्ञ–सिद्धोनो स्वीकार थयो ते पर्यायनी ताकात केटली? ते
पर्याय शुं रागमां ऊभी रहेशे?–नहिं; ए पर्याय तो स्वभावसन्मुख थईने अनंतो
आनंद प्रगट करशे, अनंत ज्ञाननी ताकात प्रगट करशे, अनंत वीर्यवडे प्रभुता
प्रगटावशे, राग वगरनुं अतीन्द्रिय चैतन्यजीवन प्रगटावशे. वाह रे वाह! आ तो
प्रभुतानी प्राप्तिनो अवसर आव्यो. अरे जीव! आवी प्रभुताना प्रसंगे पामरताने याद
न करीश; सिद्धनी साथे गोष्ठी करी...हवे संसारने भूली जाजे; आत्मामां सिद्धने
स्थाप्या–हवे सिद्ध थतां शी वार! थोडो काळ वच्चे छे पण सिद्धपणाना प्रस्थानाना जोरे
(प्रतीतना जोरे) साधक ते अंतरने तोडी नांखे छे, ने जाणे अत्यारे ज हुं सिद्ध छुं एम
शुद्धद्रष्टिथी देखे छे. सिद्धनुं प्रस्थानुं कर्युं त्यां ज रुचिमांथी राग भागी गयो. अरे,
आठवर्षना बाळक पण जागी ऊठे ने अंतरमां पोताना आवा निजवैभवने देखे के
‘आवो हुं!’ सिद्ध जेवा अनंतगुणना सामर्थ्यरूपे ते पोताने देखे छे ने
निर्विकल्पध्यानवडे अनुभवे छे. अमे देहमां के रागमां रहेनारा नहि. अमे तो एक
समयमां निर्मळ गुण–पर्यायोरूप जे अनंत भावो तेमां रहेनारा छीए अमारो वास
अमारा अनंत–गुण–पर्यायमां छे; ‘अनंतधाम’ मां वसनारो विभु अमारो आत्मा छे.
अहा, पोताना अंतरमां ज आवो विभु वसी रह्यो छे पण नजरनी आळसे जीवो एने
देखता नथी.
बुद्धिने अंतरमां वाळे तो तो पोते पोतामां नजर करवी सहेली छे; पण कदी
एवी नजर करी नथी ने मोंघी मानीने परभावमां अटकी रह्यो छे. परभाव सुगम ने
निजभाव कठिन–एवी विपरीतबुद्धिने लीधे जीव स्ववैभवने देखी शक्तो नथी.–ए
विपरीततानी मर्यादा केटली? एक समयपूरती; अने ते पण कांई स्वभावमां पेसी गई
नथी. जो द्रढताथी ऊपडे के मारे मारा आत्माने देखवो ज छे ने स्ववैभवने साधवो ज
छे, तो परभावनी रुचि तोडीने स्वभावने अनुभवतां वार लागे नहि. अहा,
आत्मस्वभावना वैभवनो पथारो केटलो?–के एकसाथे अनंतगुणोमां ने ते बधानी
निर्मळपर्यायोमां