: श्रावण : २४९३ आत्मधर्म : ब्रह्मचर्य–अंक (चोथो) : ६३ :
* श्रावण सुद पूनमे वात्सल्यनुं पर्व उजवायुं हतुं, धर्मवात्सल्यना महान आदर्शरूप
विष्णुमुनिराजनी, तेमज उपसर्गमां अकंप रहेनार अकंपनादि सातसो मुनिराजनुं
भक्तिपूर्वक स्मरण करीने पूजन करवामां आव्युं हतुं.
* श्रावण वद बीजना रोज पवित्रात्मा पू. बेनश्री चंपाबेनना मंगल जन्मदिवसनी
प४ मी जयंति आनंद–उल्लासपूर्वक उजवाई हती. आ प्रसंगे प४ नी रकमो
जाहेर थई तेमां लगभग सात हजार रूा. नी रकमो थई,–जे ज्ञानखातामां
वपराशे.
* श्रावण मासमां प्रौढ शिक्षणवर्ग चाल्यो, तेमां गामेगामना ३०० उपरांत जिज्ञासु
भाईओए लाभ लीधो. तत्त्वचर्चा–पूजन–भक्ति वगेरेथी आखो दिवस
धार्मिकउत्सव जेवुं वातावरण छवाई गयुं हतुं.
* सोनगढमां टेलीफोन चालु थई गयेल छे. जैन स्वाध्याय मंदिर ट्रस्टनी ओफिसनो
फोन नं. ३४ छे. गोगीदेवी ब्रह्मचर्याश्रमनो फोन नं. ३७ छे.
* ग्राहकोने एक खास सूचना आपवानी के, आत्मधर्मनी व्यवस्था (अंक रवानगी
वगेरे कामकाज) सम्पादक हस्तक नथी परंतु तेनी व्यवस्था माटेनो विभाग जुदो
छे, माटे लवाजम, अंक न मळ्यानी फरियाद, के व्यवस्था बाबत बीजी कांई पण
सूचना होय ते सम्पादक उपर न लखतां–व्यवस्थापक, आत्मधर्म कार्यालय,
सोनगढ–ए सरनामे लखवुं. लेखन–सम्पादन संबंधी कांई सूचन होय तो ते
सम्पादक उपर लखवुं. –सम्पादक
* मोरबीना भाईश्री उत्तमचंद नीमचंद गत मासमां मुंबई मुकामे स्वर्गवास पाम्या
छे. तेओ मोरबी मुमुक्षु मंडळना एक उत्साही कार्यकर हता.
* सुरेन्द्रनगरना भाईश्री कीरचंदभाई मास्तर लगभग छ मास पहेलां स्वर्गवास
पाम्या छे. (आ समाचार अमने हमणां ज मळ्या होवाथी विलंबथी प्रसिद्ध थाय
छे. आ प्रकारना समाचारो लेखित मळ्या वगर छपाता नथी तेनी नोंध लेवा
सर्वे जिज्ञासुओने विनंती छे.)
* बडोली (ईडर) ना भाईश्री मगनलाल कोदरलाल दोशी अषाड वद १४ ना रोज
एकाएक स्वर्गवास पाम्या छे.
स्वर्गस्थ आत्माओ अवारनवार गुरुदेवना सत्संगनो लाभ लेता हता.
जैनधर्मना शरणे तेओ आत्मशांति पामो.
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