Atmadharma magazine - Ank 286
(Year 24 - Vir Nirvana Samvat 2493, A.D. 1967)
(Devanagari transliteration).

< Previous Page   Next Page >


PDF/HTML Page 9 of 75

background image
Photo: Poonam Sheth

(ब्रह्मचर्य–प्रतिज्ञा प्रसंगना सरघसनुं द्रश्य: जेमां नव
कुमारिका बहेनो जिनवाणीसहित नजरे पडे छे.)
सम्यक्त्वादिनी आराधनानी भावना भाववी.
आराधना प्रत्येनो उत्साह वधारवो.
आराधक जीवो प्रत्ये बहुमानथी प्रवर्तवुं.
–ईत्यादि सर्वप्रकारना उद्यमवडे आत्माने आराधनामां जोडवो.
आराधनाने पामेला जीवोनुं दर्शन अने सत्संग आराधना
प्रत्ये उल्लास जगाडे छे.