Atmadharma magazine - Ank 290
(Year 25 - Vir Nirvana Samvat 2494, A.D. 1968)
(Devanagari transliteration).

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: आत्मधर्म : मागशर २४९४
होवाथी ते मोक्षनुं निश्चयकारण छे, अने मोक्षमार्गरूप पर्याय तो अभूतार्थ होवाथी
व्यवहारकारण छे. तेमां निश्चयकारणने शुद्धउपादान कहेवाय, ने व्यवहारकारणने निमित्त
कहेवाय. –आ रीते अध्यात्मद्रष्टिमां सूक्ष्मताथी पोतामां ज उपादान–निमित्त छे. “अभिन्न–
उपासना” मां संयोगनी वात न आवे, संयोग तो भिन्न छे.
जेम वांसनुं झाड पोते पोतानी डाळीओ साथे ज घसातु घसातु अग्निरूप थई जाय
छे; तेम आत्मा पोते पोताना गुणो साथे घसातो–घसातो, एटले के अंतर्मथनवडे पर्यायने
आत्मामां एकाग्र करतो करतो, पोते परमात्मा थई जाय छे. अंर्तस्वरूपमां लीन थईने
आत्मामां अभेदता करवी ते अभेद उपासना छे; ने अभेद उपासना ज मोक्षनुं कारण छे.
प्रश्न:– भिन्न उपासनानुं फळ पण मोक्ष कह्युं हतुं?
उत्तर:– त्यां भिन्न उपासनामांथी अभिन्न उपासनामां आवी जाय छे–ते परमात्मा
थाय छे, अरहिंत अने सिद्ध भगवाननो निर्णय करीने तेवा पोताना स्वभाव तरफ जे वळी
गयो एटले के भिन्न उपासना छोडीने अभिन्न उपासनामां आवी गयो, तेने परमात्मदशा
थई; त्यां निमित्तथी तेने भिन्न उपासनानुं फळ कह्युं.
अहीं तो तेथी पण सूक्ष्म वात छे, अहीं तो जे निश्चयमोक्षमार्गरूप पर्याय छे ते पण
मोक्षनुं कारण व्यवहारे छे, केमके मोक्षपर्याय थतां ते मोक्षमार्ग पर्यायनो तो व्यय थई जाय
छे; ते पोते कार्यरूपे परिणमति नथी माटे ते निमित्त छे; ने ध्रुवस्वभाव साथे अभेद थईने
मोक्षपर्यायरूप कार्य थयुं छे तेथी ते निश्चयकारण छे. मोक्षपर्याय ते पण व्यवहारनयनो विषय
छे. ने अभेद द्रव्य निश्चयनयनो विषय छे. तेना ज आश्रये मुक्ति थाय छे.
जुओ, आ मोक्षनो रस्तो कहेवाय छे.
अपनेको आप भूलके हेरान हो गया.
अपनेको आप जानके मुक्ति हो गया.
अज्ञानथी संसार; ने भेदज्ञानथी मोक्ष. भेदज्ञान शुं कहेवाय तेनी आ वात छे.
भेदज्ञानी पोताना चिदानंद स्वभावने देहादिथी भिन्न–रागादिथी भिन्न जाणीने, तेमां ज
एकाग्रता वडे मुक्ति पामे छे. अज्ञानी रागादिने पोतानुं स्वरूप मानीने तेमां एकाग्रता वडे
संसारमां रखडे छे.
मोक्ष माटे कोनी उपासना करवी? –के पोताना आत्मानी ज उपासनावडे मुक्ति थाय
छे. बाह्य पदार्थो तरफना संकल्प–विकल्पो छोडीने, पोते पोताना आत्मामां लीन थईने तेनी
उपासना करतां परमात्मदशा प्रगटी जाय छे. –आमां पोते ज उपासक छे ने पोते ज उपास्य
छे, –तेथी आ अभिन्न