Atmadharma magazine - Ank 290
(Year 25 - Vir Nirvana Samvat 2494, A.D. 1968)
(Devanagari transliteration).

< Previous Page   Next Page >


PDF/HTML Page 43 of 45

background image
४० : आत्मधर्म : मागशर २४९४
आजीवन ब्रह्मचर्य प्रतिज्ञा
सोनगढमां कारतक सुद पुनमे कलकत्तावाळा मयाचंद छगनलाल
शाहना पुत्री श्री उषाबेने पू. गुरुदेवसमक्ष आजीवन ब्रह्मचर्यप्रतिज्ञा
अंगीकार करी छे. तेओ कुमारीका छे, तेमनी उंमर २३ वर्षनी छे; अने केटलाक
वखतथी सोनगढमां रहीने तत्त्वज्ञाननो अभ्यास करे छे. आ शुभकार्य बदल
तेमने धन्यवाद! अने तेओ पोताना हितध्येयमां आगळ वधे एवी शुभेच्छा.
राजस्थानना सायला गामे नुतन दि. जिनालयमां गत वैशाख सुद दशमना रोज
जिनबिंब–वेदीप्रतिष्ठा थई छे; तेमां दसलक्षणीपर्व घणा उल्लासथी उजवाया हता.
वैराग्य समाचार
लाठीना भाईश्री वीरचंद वशरामना धर्मपत्नी मणीबाई भादरवा वदी त्रीजना रोज
स्वर्गवास पाम्या छे.
सं. २०२२ ना आसो वद १२ ना रोज बोटादना भाईश्री शिवलाल मूलचंदना धर्मपत्नी
भूरीबेन स्वर्गवास पाम्या छे.
राजकोटना भाईश्री विनोदचंद्र पोपटलालना धर्मपत्नी जयश्रीबेन १८ वर्षनी वये ता.
३१–१०–६७ ना रोज टायफोडनी बिमारीथी स्वर्गवास पाम्या छे.
गोंडल निवासी वृजकुंवरबेन लीलाधर ता. ६–१०–६७ ना रोज राजकोट मुकामे स्वर्गवास
पाम्या छे.
राजकोटना भाईश्री शिवलाल टपुभाई ता. १०–११–६७ ना रोज केन्सरनी बिमारीथी
स्वर्गवास पाम्या छे. मृत्यु पहेलाना छेल्ला दिवसनी नोंधमां तेमणे लख्युं हतुं के “शरीर साथेनो
संबंध छोडीने अविनाशी एवो आत्मा चाल्यो जशे ते निःशंक अने नक्की पण छे ज. शरीरना
नाशथी आत्मानो नाश थतो नथी.” –गुरुदेव प्रभुदासभाई धीयाना निमित्ते राजकोट पधार्या
त्यारे शिवलालभाईने त्यां पण दर्शन आप्या हता ने तेथी तेओ घणा प्रसन्न थया हता.
राजकोटमां ता. २१–११–६७ ना रोज मनहरलाल हरिलाल भीमाणीना मातुश्री चंद्राबेन
हृदयरोगना हुमलाथी स्वर्गवास पाम्या छे.
वढवाण शहेर निवासी जगजीवनदास मकनजी पारेखना धर्मपत्नी मोतीबेन कारतक सुद
छठ्ठना रोज मुंबई मुकामे स्वर्गवास पाम्या छे.
–स्वर्गस्थ आत्माओ वीतरागी देव–गुरु–धर्मनी उपासना वडे आत्महित पामो.