Atmadharma magazine - Ank 291
(Year 25 - Vir Nirvana Samvat 2494, A.D. 1968)
(Devanagari transliteration).

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:१८: आत्मधर्म : पोष : २४९४
सविकल्प गमे ते दशा वखते पण) जुदुं ज परिणमे छे. ज्ञान कदी पण विकल्पना कर्तापणे
परिणमतुं नथी. एवा अकर्ता ज्ञानने ओळखे तो ज ज्ञानीनी खरी ओळखाण थाय छे, ने
पोतानेय तेवुं ज्ञान प्रगटे छे.
स्वसन्मुख विचार ते ज्ञान छे, ते विकल्प नथी, –एम गतांकमां (अंक २९० मां) आवेल
ते संबंधी अहीं विशेष स्पष्टीकरण छे. साधकने विचारदशा वखते ‘ज्ञान’ अने ‘विकल्प’ बंने
एक साथे वर्ते छे, पण त्यां ज्ञानी तो ज्ञानरूपे ज पोताने जाणे छे, ने विकल्परूपे पोताने जाणता
नथी, एटले तेने विकल्पना काळेय ज्ञानमां विकल्पनुं कर्तृत्व नथी; विचारदशा वखतेय तेने ज्ञान
अने विकल्प बंने भिन्न भिन्न कार्य करी रह्या छे; ते वखतेय बंने एक थईने कार्य करता नथी. –
ज्ञानीनी आ वात खास समजवानी छे. ‘निर्विकल्पता वखते तो ज्ञानीनुं ज्ञान विकल्पथी जुदुं ज
छे, ने सविकल्पता वखते पण ज्ञानीनुं ज्ञान विकल्पथी जुदुं ज छे–ए वात लक्षमां लेवा जेवी छे.
निर्विकल्पअनुभवपूर्वक रागथी भिन्न ज्ञान परिणम्युं ते पछी साधकदशामां (सविकल्पदशा वखते
पण) सदाय जुदुं ज परिणमे छे. ते ज्ञान कदी पण विकल्पना कर्तापणे परिणमतुं नथी. आवा
अकर्ता ज्ञानने ओळखे तो ज ज्ञानीनी खरी ओळखाण थाय छे, ने पोतानेय तेवुं ज्ञान प्रगटे छे.
साधकदशाअनुसार, ज्ञान अने विकल्पना कार्यनी भिन्नता दरेक भूमिकामां समजी लेवी.
ज्ञाननो अनुभवनशील एटले के सम्यग्द्रष्टि जीव, तेना ज्ञानमां विकल्परूप परिणमन
नथी एटले ते विकल्पनो कर्ता नथी. मिथ्याद्रष्टिने विकल्पथी भिन्न ज्ञाननो अनुभव नथी एटले
विकल्पने ज अनुभवतो थको ते तेनो कर्ता थाय छे. जेवा परिणामरूपे जे परिणमे ते परिणामनो
तेने कर्ता कहेवाय छे. ज्ञानपरिणामे परिणमतो ज्ञानी ज्ञाननो ज कर्ता छे, ने विकल्पपणे
परिणमतो अज्ञानी विकल्पने ज करवामां ऊभो छे. आत्माने जेवा स्वरूपे जाणे छे तेवा ज
स्वरूपे पोते परिणमे छे. आत्माने जेणे अशुद्ध ज (विकल्परूप–रागरूप) जाण्यो तो ते
शुद्धपरिणामने क्यांथी करशे? ते अशुद्धपरिणामनो ज कर्ता थईने तेवो पोताने अनुभवशे. ने
जेणे पोताना आत्माने शुद्ध आनंदझरतो ज्ञानमय जाण्यो ते अशुद्धतानो कर्ता केम थशे? ते तो
ज्ञान–आनंदरूपे परिणमतो थको तेनो कर्ता थईने तेवो ज पोताने अनुभवशे. जे जेनो कर्ता
थईने परिणमे तेनो ज तेने अनुभव थाय. रागनो कर्ता थाय तेने निर्विकल्प–आनंदनो अनुभव
थाय नहीं.