Atmadharma magazine - Ank 291
(Year 25 - Vir Nirvana Samvat 2494, A.D. 1968)
(Devanagari transliteration).

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: पोष : २४९४ आत्मधर्म :२५:
स्त्र ष् ि
(अनुसंधान पृ. ६ थी चालु)
(२६) आत्मसिद्धि–प्रवचनो: श्रीमद्राजचंद्रप्रणीत ‘आत्मसिद्धि’ उपर पू. गुरुदेवे राजकोटमां
सं. १९९प मां जे प्रवचनो करेला ते आ पुस्तकमां छपाया छे. गुरुदेवना प्रवचनोनुं
सौथी पहेलुं आ पुस्तक बहार पड्युं. (सं. १९९९मां) अने तेनी बे आवृत्ति घणी
झडपथी खलास थई गई. सुगम शैली होवाथी प्राथमिक जिज्ञासुओने उपयोगी छे.
किंमत ४–००
(२७) सामायिक: श्रावक हंमेशां निवृत्तिथी शांतचित्तपूर्वक अमुक समय सुधी आत्म–
चिन्तनना अभ्यासरूप सामायिक करे छे. ते वखते कोई अमुक ज पाठ बोलवो एवो
कोई नियम नथी. पण जे प्रकारे परिणाम आत्मचिंतनमां स्थिर रहे ते हेतु छे.
अमितगति स्वामी रचित सामायिकपाठ (अर्थ सहित) आ पुस्तकमां छे, तेमां
सामायिकनुं साचुं स्वरूप शुं छे ते पण स्पष्ट करवामां आव्युं छे. स्वाध्याय माटे पण
उपयोगी छे. किंमत ०–३प
(२८) मोक्षमार्ग प्रकाशकनां किरणो: पू. गुरुदेवना प्रवचनोमांथी सारभूत न्यायोनो संग्रह
सुंदर ढंगथी करवामां आव्यो छे. सौने माटे उपयोगी छे. (अप्राप्त)
(२९) योगसार (दोहरा) योगीन्दुस्वामी रचित योगसारना गुजराती दोहा. सरळ शैलीमां
अध्यात्मभावो भरेला छे. –स्वाध्याय माटे सौने उपयोगी छे. किं. ०–१प
(३०) पंचमेरु–नंदीश्वरपूजा (हिंदीमां) अष्टाह्निका वगेरे प्रसंगे पूजा माटेनुं पुस्तक
किंमत १–००
(३१–३२) पंचाध्यायी भाग १ तथा २: तत्त्वना अभ्यास माटेनुं सुंदर पुस्तक: (अप्राप्त)
(३३) प्रवचनसार: कुंदकुंदाचार्यरचित मूळशास्त्र: संस्कृत टीका सहित गुजराती अनुवाद नवी
आवृत्ति छपाय छे: (जयसेनाचार्यनी संस्कृत टीका सहित) थोडा वखतमां तैयार थशे.
(३४) प्रवचनसार हरिगीत: किंमत ०–३६
(३प) मूळमां भूल: उपादाननिमित्तना संवाद उपर प्रवचनो. (अप्राप्त)
(३६) दशलक्षण धर्म: पर्युषण दरमियान, पद्मनंदी पच्चीसीमांथी उत्तमक्षमादि दशधर्म उपर पू.
गुरुदेवना खास प्रवचनो, उत्तमक्षमा वगेरे दशधर्मनुं स्वरूप बहु ज सरस रीते वर्णव्युं
छे. सौने माटे उपयोगी छे. घणा जिज्ञासुओ दशलक्षणी पर्वना दिवसमां आ पुस्तकनुं
वांचन करे छे. गुजराती तेमज हिंदीमां अनेक आवृत्ति छपायेल छे. मुखपृष्ठ उपर
दशधर्मनुं सुंदर चित्र छे: (अप्राप्त)