Atmadharma magazine - Ank 291
(Year 25 - Vir Nirvana Samvat 2494, A.D. 1968)
(Devanagari transliteration).

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:२६: आत्मधर्म : पोष : २४९४
(३७) योगसार अने उपादान–निमित्तना दोहा: किंमत ०–१२
(३८) जैनसिद्धांत प्रश्नोत्तरमाळा: तत्त्वोना अभ्यास माटे उपयोगी पुस्तक; जेमां प्रश्नोत्तररूपे
अनेक चर्चाओनुं संकलन छे. अनेक आवृत्ति छपायेल छे. किंमत १–१२ हिन्दी भाग १
किं. ०–७प भाग २ किं. ०–६० भाग ३ किं. ०–६०
(३९) भेदविज्ञानसार: स. गा. ३९० थी ४०४ उपरनां प्रवचनो: स्व–परनुं भेदज्ञान अत्यंत
सुगम अने सचोट शैलीथी समजावे छे. पूठां उपरनुं रंगीनचित्र भेदज्ञाननौका वडे
भवसमुद्रने तरवानी प्रेरणा आपे छे. (अप्राप्त)
(४०) मोक्षमार्ग प्रकाशक: जयपुरना पं. श्री टोडरमल्लजी रचित आ पुस्तक जैनसिद्धांतनुं
रहस्य समजवा माटे खूब उपयोगी छे, सत्यनो निर्णय करवा माटे कोई पण जिज्ञासुए
अभ्यास करवा जेवुं आ पुस्तक छे. छेल्ला दशकामां आ पुस्तक घणुं ज प्रसिद्ध बन््युं छे.
छेल्ली आवृत्ति मूळ हस्तलिखित (पं. टोडरमल्लजीना पोताना हस्ताक्षरवाळी) प्रति
साथे मेळवीने तैयार थयेल छे. किं. त्रण रूपिया
(४१) सम्यग्दर्शन (भाग–१) सम्यग्दर्शननुं अपार माहात्म्य समजावीने तेना पुरुषार्थनी
प्रेरणा आपतुं आ पुस्तक बधा जिज्ञासुओने खूब उपयोगी छे. प्रवचनोमांथी ने
शास्त्रोमांथी सम्यग्दर्शनने ज लगता खास महत्त्वना लेखोनुं आमां संकलन छे.
सम्यग्दर्शन संबंधी आवा दश पुस्तकोना संकलननुं आयोजन छे. तेमांथी त्रण पुस्तको
प्रगट थया छे. दरेक पुस्तक सम्यग्दर्शननी वधु ने वधु स्पष्टता करे छे. भाग १ संशोधित
बीजी आवृत्ति ०–प० भाग २ ने ३ (अप्राप्त)
[४२] दसलक्षणधर्मः (हिन्दी) (अप्राप्त)
(४३) जैनबाळपोथी: जैनसमाजनी कोईपण व्यक्ति होंशथी वांचे ने बाळकोमां धर्मरसनुं
सींचन करे एवुं सुंदर सचित्र पुस्तक, गुजराती–हिन्दी–मराठीमां जेनी पंदर जेटली
आवृत्ति द्वारा पोणोलाख जेटली नकलो छपाई चूकी छे. सर्वत्र प्रचार करवा योग्य,
पाठशाळानुं पाठ्यपुस्तक किंमत: पचीस पैसा
(४४) मोक्षमार्ग प्रकाशकनां किरणो: (हिन्दी) (अप्राप्त)
(४प) प्रवचनसार गूटको: (अप्राप्त)
(४६) आलोचना: पद्मनंदी स्वामीचरित आलोचनानो गुजराती अनुवाद: किं. ०–१३
(४७) चिद्दविलास: पं. श्री दीपचंदजी काशलीवाल रचित हिन्दीनो गुजराती अनुवाद : किं. ०–
७प (हिन्दी – १–प०)