बीजी आवृत्ति किं: १–प०
सरस वर्णन छे. नानकडुं सुंदर पुस्तक दरेक जिज्ञासुने उपयोगी छे; बीजुं पुस्तक
‘सत्तास्वरूप’ पं. श्री भागचंदजी छाजेड रचित छे, तेमां सर्वज्ञसत्तानी सिद्धि करीने ए
बताव्युं छे के सर्वज्ञदेवनो भक्त केवो होय? सर्वज्ञनी ओळखाण क्यारे थई कहेवाय?
ने जैनपणुं केवुं होय? आ पुस्तक दरेक जिज्ञासुने तत्त्वनिर्णय माटे उपयोगी छे. बंने
पुस्तकनी अनेक आवृत्ति छपाई गई छे. किंमत–एक रूपीओ.
आत्मभावना माटे उपयोगी छे. सचित्र पुस्तक किंमत १–प०
अने नानामोटा सौने उपयोगी एवुं आ शास्त्र पाठशाळाओनुं पाठ्यपुस्तक छे; आ
शास्त्र उपर अनेक धूरंधर आचार्योए जे विशाळ टीकाओ रची छे; ते टीकाओना
सारनो संग्रह आ पुस्तकमां छे: दरेक अभ्यासीओने उपयोगी छे. आवृत्ति: त्रीजी पृ.
९१प किं. ४ हिन्दी आवृत्ति त्रीजी–पृ. ९०० मूल्य रूा. पांच.
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स्वरूप समजवा माटे सरस जागृती करी छे. उपादान अने निमित्त ए बंने स्वतंत्र
होवा छतां, तेमने पराधीन मानवा ते तत्त्वनी मूळमां ज भूल छे. एम बतावीने,
सत्यस्वरूपनी समजणद्वारा ते भूल टाळवानुं आ पुस्तक बतावे छे. उपादान अने
निमित्त ए बंनेनी सामसामी अनेक दलीलोथी संवादरूपे होवाथी आ पुस्तकनी
शैली रोचक छे. हिंदी–गुजरातीमां घणी नकलो प्रगट थई चूकी छे.