Atmadharma magazine - Ank 292
(Year 25 - Vir Nirvana Samvat 2494, A.D. 1968)
(Devanagari transliteration).

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: महा : र४९४ आत्मधर्म : ३७ :
पांच प्रश्नो–
(१) तिर्यंचने तो पांच छे, देव–नारकने चार.
मनुष्यने तो चौद छे, एनो करो विचार.
(र) एक महात्मा एवा के जेमने समस्त श्रुतनुं ज्ञान छे, छतां पण तेमने श्रुतज्ञान नथी;
–तो ए कोण?
(३) बीजा एक महात्मा एवा के जेने श्रुतज्ञान छे अने श्रुतनुं पण ज्ञान छे,
–ते कोण?
(४) जगतमां सिद्धभगवान झाझा के मनुष्यो झाझा?
(प) नीचेना तीर्थंकरोने शोधी काढो–
१. एवा कया तीर्थंकर छे के जेमना पुत्र चक्रवर्ती थया होय? ...
र. एवा कया तीर्थंकर छे के फागण वद नोमे जन्म्या होय?
३. एवा कया तीर्थंकर छे के जेमने १०१ पुत्रो होय? ने ते बधाय पुत्रो ते ज भवमां
मोक्ष पाम्या होय?
४. एवा कया तीर्थंकर छे के जेमना पुत्रो ज तेमना गणधरो थया होय?
प. एवा क्या तीर्थंकर छे के जेमने बे उत्तम पुत्री होय?
अंतरीक्षा पार्श्वनाथ (शिरपुर, महाराष्ट्र)
अहीं पार्श्वनाथ भगवाननुं एक प्राचीन जिनमंदिर छे तेमां गत ता. ३–११–६७ ना रोज
जे एक दुःखकर घटना बनी, ते संबंधी जैनसमाजना केटलाक गुजराती पत्रोमां तेमज बीजा
पत्रोमां तद्न उपजावी काढेला विकृत अहेवालो जोवामां आव्या; तेथी ते संबंधी सत्य हकीकत
टूंकमां अहीं आपीए छीए: अहींनुं मंदिर मूळ प्राचीन दिगंबर हतुं पण पाछळथी वादविवाद
ऊभो थतां, मंदिरमां दिगंबर तेमज श्वेताम्बर बंनेने माटे दर्शनपूजननो अलग–अलग समय
नक्की करवामां आव्यो हतो. मंदिर भोंयरामां छे ने अंदर जवाआववानो मार्ग अत्यंत सांकडो
छे. त्रीजी तारीखे १ थी १ाा वच्चे (ज्यारे दर्शनपूजननो टाईम दिगंबरसमाजनो हतो त्यारे)
श्वेतांबरसमाजना अने तेमना प्रेरेला अन्यमतना केटलाक माणसोए क्रूरपणे हूमलो करीने
दिगंबरसमाजना केटलाक माणसोने घायल कर्या...कंईक अंशे केसरीयाजीना हत्याकांडने याद करावे
एवो ए बनाव बनी गयो. दिगंबरो उपर थयेला आ हुमलाथी दुःखीत थईने बीजे दिवसे