साधुओए पण शिरपुरना आ प्राचीन मंदिरने दिगंबर मंदिर तरीके वर्णव्युं छे. आ संबंधी
मराठीभाषामां उल्लेख आ प्रमाणे छे– “
ईजाओ थयेल छे तेमना नाम–ठाम ने फोटा सहित बनावनी विगत नागपुरनी एक कलब द्वारा
प्रकाशीत थई छे. ईजा पामेला बधा ज दिगंबरो छे, श्वेताम्बर कोई नथी. तोफान करनारा
केटलाक माणसोने पोलीसे अटकमां पण लीधा हता. आपणे आशा राखीए के समाज उपर
आवेल आ उपद्रव भगवान पारसनाथनी भक्तिना प्रतापे दूर थाय...ने आनंदपूर्वक सौ
पार्श्वनाथ प्रभुना दर्शन–पूजन करी शके एवुं शांत वातावरण सरजाय अने वीरप्रभुना
निर्वाणनो नजीक आवी रहेल अढीहजारमो महोत्सव अडधा करोड उपरांत जैनो हळीमळीने
आनंदथी उजवीए.
रहेती होय एवो कोई चमत्कार भूतकाळमां बन्यो होय तो ते असंभवित न गणी शकाय; परंतु
वर्तमानमां तो ते प्रतिमाजी जमीनने स्पर्शीने बिराजमान छे. प्रतिमानी बेठकनी नीचे चार
नाना पाया छे, तेमांथी सामसामा बे पाया टूंका छे, एटले ते बे पाया जमीन सुधी पहोंचता
नथी पण बाकीना बे पाया जमीनने स्पर्शे छे. एटले बे पाया वच्चेना पोलाणमांथी कपडुं वगेरे
सहेजे पसार थई शके–ते कांई आश्चर्य नथी. अने, आपणे कांई एवा कोई आश्चर्यने नथी
पूजवो, आपणे तो भगवाननी वीतरागताने पूजवी छे. आपणा भगवाननी वीतरागता ने
सर्वज्ञता ए ज जगतनुं सौथी महान आश्चर्य छे.
भावनगर अने पालीताणा रोडना क्रोसींग पासेनी जग्यामां ६० जेटला ब्लोकसनी आ
सोसायटी थवानी छे, जेमांथी घणाखरा ब्लोकस नोंधाई गया छे. शिलान्यासप्रसंगे गुरुदेवे
मांगळिक संभळाव्युं हतुं.