–तेने शुद्धनयवडे अनुभवमां लेवो ते जिनशासन छे, ते जिन भगवाननो उपदेश छे.
उपदेश नथी, पण शुद्ध आत्माना अनुभवनो भगवाननो उपदेश छे. आवो अनुभव
थई शके छे. भाई, ताराथी थई शके तेनो उपदेश भगवाने दीधो छे. भगवान पोते
स्वानुभवथी जेवा थया तेवो ज उपदेश दीधो, अने तेवुं ज वस्तुस्वरूप छे. –आवा
आत्माना अनुभवथी आनंद थाय छे ने दुःख टळे छे.
समजावी छे.
वीतरागभावनुं सेवन एटले के शुद्ध आत्मानो अनुभव तेणे कदी कर्यो नथी तेथी
वीतरागशासननुं सेवन तेणे कदी कर्युं नथी. ‘अनुभव’ मां भगवाननो सर्व उपदेश
समाई जाय छे. मोक्षमार्ग आत्माना अनुभवमां छे.–
परखाती नथी. जेम हीरा–मोतीना पाणीनी परीक्षा खेडूनी पछेडीनो छेडो अडाडीने न
थाय, ए तो अंदरनी झलक पारखवा माटे झवेरीनी नजर जोईए. तेम चैतन्यस्वरूप
आत्मानी किंमत बाह्यलक्षी स्थूळ ज्ञान वडे न थई शके, तेने पारखवा माटे तो
अंतर्मुख शुद्धनयरूपी