(१०) चंद्र (११) शंख (१२) वृषभ (१३) पद्म (१४) चंद्र (१प) सूर्य
(१६) वृषभ (१७) हरण (१८) चंद्र (१९) स्वस्तिक (२०) पद्म.
छे; पद्म अने हाथी ए बे भगवंतोनुं लक्षण छे. आमां १७मा भगवाननुं चिह्न
स्पष्ट नथी समजातुं पण लगभग हरण होय तेवुं लागे छे; एटले ते पण बे
भगवंतोनुं चिह्न थयुं. –आम एकंदर मात्र दश प्रकारनां चिह्नोमां वीसे
भगवंतोनुं लांछन आवी जाय छे.)
उत्तर:– जीवनी.
कारण आ वर्षे आंबा तो मोंघा हता परंतु बालविभागनुं आंबानुं झाड घरे
बेठा आव्युं; अने ते आंबा (सम्यग्दर्शनादि) बारे मास फळे ने बारे मास
खवाय, तेमां सीझन जोवानुं रहेतुं नथी. आवा आंबा खावा माटे जरूर
छे–एम तेना अस्तित्वनो निर्णय आत्माना अस्तित्वमां ज थाय छे.
जगतनो जाणनार एवो जे ज्ञानस्वरूप आत्मा, तेना अस्तित्वना स्वीकार
वगर जगतना कोई पदार्थना अस्तित्वनो निर्णय थई शके नहीं. माटे बधा
पदार्थोमां आत्मानी ऊर्ध्वता छे.