Atmadharma magazine - Ank 297
(Year 25 - Vir Nirvana Samvat 2494, A.D. 1968)
(Devanagari transliteration).

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: ३२ : आत्मधर्म : अषाड : २४९४ :
वैशाख मासनी ईनामी योजनमां उत्तम कक्षाना लेखो के चित्रो
मोकलनार १प सभ्योनां नाम –
आ बधा सभ्योने धन्यवाद साथे
ईनाम तरीके ईन्डीपेन–बोलपेननो सेट
मोकली देवामां आव्यो छे. तथा ते सिवायना
४प जेटला सभ्योनुं पण लखाण के चित्र
आवेल, तेमने दरेकने पण धन्यवाद साथे
ईनामना पुस्तको पोस्टथी मोकलाई गया छे.
बंधुओ, तमे सौए होंशथी योजनामां
भाग लीधो तेथी घणुं सारूं सारूं साहित्य पण
भेगुं
थयुं–जेनुं अवलोकन बालविभागमां आपीशुं.
बालविभागना बाळकोए ज लखेलुं साहित्य
बालविभागमां वांचीने सौने जरूर आनंद
थशे. फरीने नवीन योजना रजु थाय त्यारे
आथी पण विशेष उत्साहथी सौ भाग लेजो.
जय जिनेन्द्र
गतांकमां आपेल नामो उपरांत
नीचेना सभ्यो तरफथी पण लेख के चित्र
नवा सभ्योने आ मासमां जे
सभ्यपत्रक मोकल्या तेमां अगाउनी टेव मुजब
भूलथी १० पैसानी टीकीट लगाडेल, (नवा
चार्ज अनुसार पंदर पैसा लगाडवा जोईए)
आथी ते सभ्योने नोटपेईडनो चार्ज भरवो
पडेल हशे. –आ माटे दिलगीर छीए. नवा
सभ्योनां नाम आवता अंके प्रगट करीशुं.