पहेलो दिवस छे,
उत्तमक्षमाधर्मनी आराधनानो
दिवस छे. मुख्यपणे तो
मुनिना आ दश धर्मो छे;
वीतरागभाव ते धर्म छे.
उत्तमक्षमा ते पण आत्माना
वीतराग भावनो प्रकार छे.
श्रावकने पण पोतानी भूमिका
अनुसार धर्म होय छे. आवा
वीतरागधर्मनी आराधनाने
पर्युषण कहेवाय छे.
पर्युषणना खरा दिवसो
आराधनानुं फळ सुख छे, वीतरागभावना फळमां अतीन्द्रियसुखनी प्राप्ति थाय छे.
थतां अनाज ने फळफूल पाके छे; घणाकाळ सुधी अनार्यवृत्तिवाळा मांसभक्षी थई
गयेला लोकोने ते फळफूल–अनाज देखीने एवी आर्यवृत्ति जागी के हवेथी कोईए
मांसाहार न करवो, आ अनाज अने फळ उपर निर्वाह चलाववो. आवी आर्यवृत्ति
जागी, एटले हिंसा छोडीने क्षमाना भावो जाग्या, ते दिवस बराबर भादरवा सुद
पांचम हती. आ रीते भादरवा सुद पांचमथी उत्तमक्षमादि दशलक्षणधर्मनी आराधनानुं
पर्व शरू थाय छे. जो के भादरवानी जेम माह तथा चैत्र मासमां पण दसलक्षणीपर्व
आवे छे, पण भादरवाना पर्युषणनी विशेष प्रसिद्धि छे.