Atmadharma magazine - Ank 301
(Year 26 - Vir Nirvana Samvat 2495, A.D. 1969)
(Devanagari transliteration).

< Previous Page   Next Page >


PDF/HTML Page 3 of 45

background image
नूतन वर्षना प्रारंभे........
संपादकीय
पचीस वर्ष पूर्ण करीने २६मा वर्षमां प्रवेश करी रहेला, आ ‘आत्मधर्म’ उपर,
ने आ बाळक उपर पू. गुरुदेवनो हंमेशा अनुग्रह रह्यो छे; तेओ श्री सदाय मंगळरूप
छे, ने तेमनी मंगलछायामां सदाय आत्मिकआराधनानी मंगलप्रेरणा आपणने मळ्‌या
करे छे. गुरुदेवना आवा महान अनुग्रहने भावभीना चित्ते याद करीने नूतनवर्षना
प्रारंभे नमस्कार करीए छीए...ने नूतनवर्षना प्रारंभे तेओश्रीना आशीष झीलीने
आपणे आराधनामय बनीए एवी भावना भावीए छीए:
अभिवंदीए अभिनंदीए...सुप्रभातने गुरुदेवने...
आशीष लईने आपनी...हवे साधीए निजकार्यने.
सुप्रभात खील्युं आपने...गुरु! अमे हृदयमां खीलवो...
हे आत्मदाता...जीवननेता...प्रार्थना हृदये धरो.
–हरि.