अहो, आ आत्माना अनुभवनो मार्ग छे...वीतरागनो आ मार्ग...ते आत्मानो
अंतरनो मार्ग छे, अंतरना स्वभावने शुद्धनय वडे प्रतीतमां लईने ध्रुव
चिदानंदस्वभावमां पर्यायनी एकता थई ते जीव सदाकाळ पोताना आनंदमां
बिराजमान रहेशे. आवो वीरनो मार्ग छे. वीर परमात्माए आवो मार्ग प्रकाश्यो हतो.
आवा शुद्ध आत्मानी अनुभूति ते अबाधित निर्दोष मार्ग छे.
बपोरे प्रवचनसार गा. (पर) ना प्रवचनमां आत्माना केवळज्ञानस्वभावनो
महिमा समजावतां गुरुदेवे कह्युं के–केवळीभगवान अबंध छे केमके समस्त पदार्थोने एक
साथे जाणवा छतां तेओ ज्ञेयसन्मुख थईने परिणमता नथी. तेम नीचली दशामां
धर्मीसाधक पण पोताना चिदानंदस्वभावनी किंमत जाणे छे ने स्वसन्मुख परिणमे छे
एटले ते पण सुखना पंथे छे, अंशे अतीन्द्रियसुख तेणे अनुभव्युं छे. ते ज्ञानी
ज्ञानस्वभावने ज पोताना कार्यरूपे करे छे. अज्ञानी राग–द्वेषादि भावोने ज पोताना
कार्यरूपे देखे छे, तेथी ते दुःखी छे. रागथी भिन्न आत्माना सुखनी तेने खबर नथी.
भगवान! तारो आत्मा ज्ञानथी ने सुखथी भरेलो छे. आत्मा पोताना स्वरूपने
भूलीने पण पररूपे–जडरूपे तो थई जतो नथी, बहु तो अज्ञानथी रागादिरूपे थाय छे,–
ते अज्ञानीनुं कार्य छे; ज्ञानीने रागादि होवा छतां चिदानंद स्वरूपनुं भान छे, एटले ते
ज्ञानादि कार्यने ज करे छे; अने केवळी परमात्मा तो एकला परिपूर्ण ज्ञान ने सुखरूपे ज
परिणमे छे. केवळज्ञानरूपी अपूर्व वर्ष बेठुं–ते सादिअनंत सुखरूप रहेशे. आवा निज
स्वरूपने ओळखवुं ते बेसतावर्षनी बोणी छे. आ समजे तो आत्मामां आनंदमय नवुं
वर्ष बेसे; नहिंतर तो अनादिनुं अज्ञान एवुं ने एवुं ज छे.
आत्मा ज्ञानस्वभावी छे तेम सुखस्वभावी पण छे, एटले ज्ञाननी साथे सुख
होय ज छे; अतीन्द्रियज्ञान साथे अतीन्द्रिय आनंद होय ज. अज्ञान– मिथ्याज्ञाननी
साथे दुःख छे, ने सम्यग्ज्ञाननी साथे सुख छे. केवळज्ञान साथे पूरुं सुख छे. भाई, सुख
बाह्यविषयोमां नथी, सुख तो तारा ज्ञानमां ज छे. केवळज्ञानरूप स्वयंभू–सुप्रभात
भगवानने खील्युं ते पूर्ण आनंदरूप छे, ने एवा ज्ञाननी प्रतीत करवी ते पण अपूर्व
आनंदरूप सुप्रभात छे...ते अपूर्व बेसतुं वर्ष छे, ते ज सन्तोनी बेसतावर्षनी बोणी छे.
सारामां सारी उत्तम बोणी आ ज छे. जय हो सोनेरी चैतन्यसुप्रभातस्वरूप सन्तोनो!
बेसतावर्षनी रात्रिचर्चामां गुरुदेवे निर्विकल्प आत्मा अनुभवना प्रयत्न माटेनी
उत्तम प्रेरणा आपी हती. ने शीघ्र ते प्रयत्न करीने सफळता प्राप्त करवानो अनुग्रहपूर्ण
उपदेश आप्यो हतो.