Atmadharma magazine - Ank 302
(Year 26 - Vir Nirvana Samvat 2495, A.D. 1969)
(Devanagari transliteration).

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: मागशर : २४९प आत्मधर्म : १प :
तारुं चिह्न छे; ज्ञानचिह्नवडे आत्माने अनुभवमां ले. ‘ज्ञान’ ते ज तारो ‘भाव’ छे, ते
ज तारुं लक्षण छे, ए सिवाय अंदरनो शुभविकल्प ते पण तारुं खरूं स्वरूप नथी. ते
विकल्पनी साथे ज्ञानने भेळसेळ करवाथी साचो आत्मा तने वेदनमां नहि आवे; तेमां
तो अशुद्धभावनुं ज सेवन थशे, अशुद्धभावनुं सेवन ते संसार छे; शुद्धआत्मानुं सेवन
ते मोक्षनुं साधन छे.
शुद्धआत्मानुं सेवन–अवलोकन अतीन्द्रियज्ञानवडे थाय छे. स्वसन्मुख
संवेदनप्रत्यक्षरूप जे अतीन्द्रियभावश्रुत, तेना वडे आत्मा श्रद्धा–ज्ञान–अनुभवमां आवे
छे. रागने–विकल्पने के ईन्द्रिय तरफना ज्ञानने साधन बनावीने आत्माने अनुभवमां
लेवा मांगे तो ते कदी अनुभवमां न आवे.
आत्मानी आराधना समजाववा माटे आचार्यदेवे दाखलो पण उत्तम एवा
राजानी सेवानो आप्यो. राजा एटले श्रेष्ठ; जगतमां आ चिदानंद भगवान ज श्रेष्ठ
जीव–राजा छे, रागादिवडे जेनी शोभा नथी, पोताना अनंतगुणनी अनुभूतिवडे ज जे
स्वयं शोभे छे.–आवो आत्मा अनुभूतिस्वरूप हुं ज छुं एवी ओळखाण सहित निःशंक
श्रद्धा करवी ने तेमां ज लीन थवुं–ते मोक्षनी प्राप्तिनी रीत छे. आ रीते ज मोक्ष सधाय
छे, बीजी रीते मोक्ष सधातो नथी.
जे खरेखर मोक्षनो अर्थी होय, संसारना परभावोथी थाकीने अंतरमां आत्मानी
शांतिने शोधतो होय, एवा मोक्षार्थी जीवे शुं करवुं तेनो आ उपदेश छे. जेम धनने
चाहनारो प्राणी जेनी पासे धनभंडार भर्या होय एवा राजानी सेवा करे छे, तेम जेने
सुखनी चाहना छे, शांतिनी चाहना छे, ते शांतिना भंडार ज्यां भर्या छे एवा
चैतन्यराजानी सेवा करे छे. राजा एवा उदार होय छे के सेवा करनारने धन आपीने
दरिद्रता मटाडे ज; तेम आ जीवराजा एवो महान छे के अंतर्मुख थईने तेनी सेवा (श्रद्धा–
ज्ञान–एकाग्रता) करनारने परम ज्ञान–आनंद आपीने दुःख मटाडे ज. आत्म–राजानी
सन्मुख थईने सेवा करे तेने मोक्ष मळे ज. माटे स्वरूपनी प्राप्तिना ईच्छक एवा आत्मार्थी
जीवोए आ ज्ञानस्वरूप आत्माने निरंतर सेववो. तेनी सेवाथी ज मोक्ष पमाय छे.
‘भावनगर’ ना राजा पासे एकवार एक माणस आव्यो; राजाए पूछयुं–केम
आववुं थयुं! त्यारे ते कहे–महाराज! भरेला सरोवर पासे तो बधा तरस्या प्राणीओ
आवे....तेनी लायकात देखीने तरत राजाए हुकम कर्यो ने तेने सारी पदवी आपी. तेम
आत्मानो जिज्ञासु थईने जे जीव चैतन्यराजानी सेवा (आराधना) करवा