: मागशर : २४९प आत्मधर्म : ३७ :
प्राणीने ज्यां सुधी एवी प्रतीत न थाय के ‘जेनी हुं प्रार्थना करुं छुं तेमना जेवा
थवानी मारामां पण ताकात छे,’–त्यां सुधी पोताना ईष्टनी साची प्रार्थना ते करी शकतो
नथी.
प्रार्थनानो हेतु ए छे के–पोते तेना जेवो थवा मांगे छे के जेनी पोते प्रार्थना करे
छे. (वन्दे तद्गुणलब्धये)
भगवाननी प्रार्थना कांई एटला माटे आपणे नथी करता के तेओ तो भगवान
रहे ने आपणे सदा तेमना सेवक ज रहीए; परंतु जेवा ते भगवान छे तेवा ज आपणे
थईए–ते ध्येयपूर्वक प्रार्थना करवामां आवे छे.
एटले प्रार्थना करवा योग्य एवा देवना स्वरूपमां जेनी भूल तेनुं ध्येय पण
भूलवाळुं.
जेवा देवने प्रार्थना करवा योग्य मान्या, तेमना जेवो पोते थवा मांगे छे.
वीतरागने देव तरीके ओळखीने तेनी प्रार्थना करनार पोते वीतराग थवा मांगे
छे.
रागी प्राणीने देव तरीके भजनार पोते रागी रहेवा मांगे छे.
हिंसक जीवोने पूजनार पोते पण हिंसक ज थवा मांगे छे.
आ रीते प्रार्थना करनारे पोताना ईष्ट देवनुं स्वरूप नक्की करवानी महान
जवाबदारी छे. तेमां जो भूल थाय तो बधी प्रार्थना खोटी पडे.
जेना ईष्ट देव साचा (वीतरागी) तेनी ज प्रार्थना साची.
एवा ईष्ट देव तो अरिहंत अने सिद्ध भगवान ज छे.
तेमने ओळखीने प्रार्थना करो.