Atmadharma magazine - Ank 303
(Year 26 - Vir Nirvana Samvat 2495, A.D. 1969)
(Devanagari transliteration).

< Previous Page   Next Page >

Download pdf file of magazine: http://samyakdarshan.org/DcGP
Tiny url for this page: http://samyakdarshan.org/GReYpx

PDF/HTML Page 21 of 49

background image
: १८ : आत्मधर्म : पोष : २४९प
अहीं रजु करेला दश प्रश्नोना जवाब आत्मधर्मना गतांकमां
(अंक ३०२ मां समायेला छे...ते शोधी काढो)
(१) ‘आत्मरस’ मां शुं–शुं समाय छे?
(२) आत्मानो तारणहार कोण?–तेनुं द्रष्टांत शुं?
(३) तीर्थंकरोनो मार्ग बतावनारी त्रण गाथा गुरुदेवने अत्यंत प्रिय छे, ते कई?
(४) आपणने कोना जेवा थवानुं गमे?
(प) साचुं
णमो अरिहंताणं करवुं होय तो आपणे शुं करवुं जोईए?
(६) माता बाळकने शिखामण आपे छे, तेमां सौथी पहेली वात शुं कहे छे?
(७) उमराळानगरीना उजमबा–स्वाध्याय गृहनी दीवाल पर शुं लख्युं छे?
(८) मोक्षने माटे एक महान राजानी सेवा करवानुं कह्युं छे, ते क्या राजा?
(९) एक छोकराने सीनेमा जोवा जवुं हतुं पण ते न गयो,–शा माटे?
(१०) गतांकना एक भाववाही चित्रमां चारगतिनां दुःखथी छूटीने मोक्षसुख
प्राप्त करवानो मार्ग, एक मुनिराज देखाडी रह्या छे...अने ते मोक्षना मार्गमां बीजा
मुनिओ जई रह्या छे. तो ते चित्रमां बधा मळीने केटला मुनि छे?
गतांकना पांच प्रश्नोना उत्तर
(१) जगतमां आराधक जीवो झाझा के आराध्य जीवो झाझा?
आराध्य जीवो झाझा, केमके जगतमां आराधक जीवो तो असंख्याता छे, ने
आराध्य एवा सिद्धपद पामेला जीवो अनंत छे; एटले आराधक करतां आराध्य
जीवोनी संख्या अनंतगुणी छे.
(२) पंचपरमेष्ठीमां सौथी झाझी संख्या कोनी?
पंचपरमेष्ठीमां सिद्ध भगवंतो सौथी वधु छे. सिद्ध भगवंतो अनंता छे. अरिहंत
भगवंतो (संयोगकेवळी जिन) संख्याता (आठ लाख अठ्ठाणुं हजार पांचसो बे)