
(४) समयसारमां अधिकार केटला? तेनां नाम?
उपदेशथी केवा प्रकारे आत्मज्ञान पाम्या, ने पछी आत्मिक विकास करीने कई
रीते परमात्मा थया–ते बधानुं अद्भुत वर्णन होय छे–के जे आपणने तेवा
ज्ञाननी प्रेरणा आपे छे. बीजुं, ए लक्षमां राखवुं के जैनधर्मना कथानुयोगमां
बीजा त्रण (द्रव्यानुयोग वगेरे) अनुयोगोनुं कथन पण गर्भितपणे समायेलुं
ज होय छे. आत्मानी साधना करनारा जीवोनुं उदाहरण आपीने कथानुयोग ते
वात आपणने समजावे छे. भगवाने केवो उपदेश आप्यो, अनेक जीवो
सम्यग्दर्शनादि कई रीते पाम्या, केवा केवा प्रसंगोमां वैराग्य पामी जीवो मुनि
थया, ने केवी रीते केवळज्ञान प्रगट कर्युं–ए बधानुं वर्णन कथानुयोगमां भर्युं
छे. जैनधर्मनी कथा ए तो भगवाननी कथा छे ने! ए तो आत्माने भगवान
थवानो उपदेश आपे छे.