प्रवचनो, तेमांथी दोहन करीने अहीं २०० प्रश्नो अने तेना उत्तर
आपवामां आव्या छे. टूंकी भाषामां ने सुगम शैलीमां आ प्रश्न–उत्तर
सर्वे जिज्ञासुओने गमशे, ने छहढाळानो अभ्यास करवामां विशेष
रस जगाडशे.
२. जीवोने शुं वहालुं छे?...सुख.
३. जीवो शेनाथी भयभीत छे?...दुःखथी.
४. श्रीगुरु केवो उपदेश आपे छे?
जेनाथी सुख थाय ने दुःख मटे एवो.
प. सुख शेनाथी
थाय?...वीतरागविज्ञानथी.
६. वीतरागविज्ञान केवुं छे?...त्रण
जगतमां साररूप छे.
७. कल्याणरूप कोण छे?...वीतरागविज्ञान
८. पंचपरमेष्ठीनुं पूज्यपणुं शेने लीधे छे?
वीतरागविज्ञानने लीधे.
९. वीतरागविज्ञानने नमस्कार कई रीते
थाय?
रागथी भिन्न आत्मानी ओळखाण वडे.
१०. वीतरागविज्ञानमां शुं समाय छे?
सम्यग्दर्शन–ज्ञान–चारित्ररूप मोक्षमार्ग
तेमां समाय छे.
‘विज्ञान’ कहेतां सम्यग्ज्ञानने सम्यग्दर्शन
१२. अहीं वीतरागविज्ञानने नमस्कार
वीतरागविज्ञानने नमस्कार करतां तेमां