Atmadharma magazine - Ank 307
(Year 26 - Vir Nirvana Samvat 2495, A.D. 1969)
(Devanagari transliteration).

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* श्री कहान–रत्नचिंतामणि–जयंतिमहोत्सव विशेषांक *
: : आत्मधर्म : वैशाख : २४९प
चैतन्यचिंतामणि – रत्नमाळा
सहज शुद्धज्ञानानंदस्वभावी परमात्मतत्त्वनी सन्मुख
थईने तेना ध्यानथी प्रगटेली निर्मळ पर्यायरूप जे मोक्षमार्ग, –
तेनां अनेक नामोनी माळा द्रव्यसंग्रहमां वर्णवी छे, गुरुदेवने ते
‘माळा’ अत्यंत प्रिय छे. ते द्रव्यसंग्रहमां नामो उपरांत बीजां
पण केटलांक नामो गुरुदेवे कहेलां ते उमेरीने, कुल १०८ रत्नोनी
आ माळा अहीं रत्नचिंतामणि–जन्मोत्सवनिमित्ते रजु थाय छे.
तेनुं प्रत्येक रत्न मोक्षमार्गने प्रकाशित करनारुं छे.
१. ते ज शुद्धात्मस्वरूप छे. ११. ते ज निर्मळ स्वरूप छे.
२. ते ज परमात्मस्वरूप छे. १२. ते ज स्वसंवेदन ज्ञान छे.
३. ते ज सुखामृतसरोवरना १३. ते ज परमतत्त्वज्ञान छे.
परमहंसस्वरूप छे. १४. ते ज शुद्धात्मदर्शन छे.
४. ते ज परम ब्रह्मस्वरूप छे. १प. ते ज परमअवस्थास्वरूप छे.
प. ते ज परम विष्णुस्वरूप छे. १६. ते ज परमात्मानुं दर्शन छे.
(स्वगुणोमां व्यापक) १७. ते ज परमात्मज्ञान छे.
६. ते ज परम शिवस्वरूप छे. १८. ते ज शुद्धात्मज्ञान छे.
(आत्मकल्याण) १९. ते ज ध्येयभूत शुद्ध पारिणामिक
७. ते ज परम बुद्धस्वरूप छे. भावरूप छे.
(ज्ञान स्वरूप) २०. ते ज ध्यानभावनास्वरूप छे.
८. ते ज परम निज स्वरूप छे. २१. ते ज शुद्धचारित्र छे.
९. ते ज परम स्वात्मोपलब्धिलक्षण २२. ते ज अंर्त तत्त्व छे.
सिद्धस्वरूप छे. २३. ते ज परम तत्त्व छे.
१०. ते निरंजनस्वरूप छे. २४. ते ज शुद्धात्मद्रव्य छे.