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चित्र (फिल्म) द्वारा ए तीर्थोने ज्यारे सोनगढमां जोईए छीए त्यारे यात्रानो आनंद
फरी फरी ताजो थाय छे. बहारगाम पण अनेक स्थळे तीर्थयात्रानी ए फिल्म देखीने
हजारो जिज्ञासुओ प्रसन्न थाय छे.
मंगलप्रसंगो बनता.
थईने मुंबई पधार्या. मुंबईमां मुंबादेवी प्लोटमां पंचकल्याणकनो अत्यंत भव्य प्रतिष्ठा
महोत्सव ऊजवायो. त्यां ‘महावीरनगर’ नी सुंदर रचना थयेल हती; २प, ०००
माणसो समाय एवडो प्रतिष्ठामंडप हतो. मुंबई शहेरमां उजवायेलो आ प्रतिष्ठा–
महोत्सव मुंबईना ईतिहासमां अभूतपूर्व हतो. झवेरीबजारमां जिनमंदिर लगभग ४
लाख रूपियाना खर्चे बंधायुं छे. उत्सवमां लगभग बे लाखनुं खर्च ने अढी लाखनी
उपज थई हती, ए महोत्सवनां द्रश्यो नीहाळीने मुंबईनी जनता मुग्ध बनी हती.
प्रवचनमां पंदरेक हजार माणसो लाभ लेता. माह सुद छठ्ठे जिनमंदिरमां भगवंतोनी
प्रतिष्ठा करीने महा सुद आठमना रोज गुरुदेवे ६प० जेटला यात्रिको (आठ मोटरबसो
ने ४० जेटली मोटरो) ना विशाळ संघ साथे यात्रा माटे प्रस्थान कर्युं.
बांदेवास, पोन्नूर, अकलंकबस्ती, केरेन्डे, नेल्लुर, बेझवाडा, हैद्राबाद, सोलापुर,
कुंथलगिरि, धाराशिवनी गुफाओ, उस्मानाबाद, ईलोरा, अजन्टा, जलगांव, मलकापुर,
शिवपुर, बासीम, कारंजा, परतवाडा, (एलिचपुर), मुक्तागिरि, अमरावती, भातकुली,
बजारगांव, नागपुर, डोंगरगढ, खैरागढ, रामटेक, सीवनी, जबलपुर, मढीयालु,
भेलुघाट, पनागर, दमोह, कुंडलगिरि–सिद्धक्षेत्र, शाहपुर, द्रोणगिरि सिद्धक्षेत्र, खजराह,
पपौराजी, टीकमगढ, आहारजी, ललितपुर, देवगढ, चंदेरी, बारां, चांदखेडी, झालरपाटण,
कोटा, बुंदी, भातपुरा, नीमच, चित्तोड, उदयपुर, केसरीआजी (धूवेल) ईडर