Atmadharma magazine - Ank 308
(Year 26 - Vir Nirvana Samvat 2495, A.D. 1969)
(Devanagari transliteration).

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: जेठ : २४९प आत्मधर्म : ११ :
विधान, कोईवार अढीद्वीपविधान तेरहद्वीपविधान के त्रिलोकमंडलविधान, तो कोईवार
सिद्धचक्रविधान के पंचपरमेष्ठीविधान, कोईवार जिनेन्द्रप्रभुना महाअभिषेक तो
कोईवार रथयात्रा, कोईवार मुनिवरोनी अवनवी भक्ति तो कोईवार
जिनवाणीमातानी सेवाना विधविध प्रसंगो–आम देव–गुरु शास्त्रनी सेवनामां
अनुरक्त मुमुक्षुनुं चित्त संसारनी अनेकविध अटपटी मायाजाळोने भूली जाय छे;
संतचरणमां चैतन्यने साधवानी धूनमां अनुकूळता के प्रतिकूळताना प्रसंगो प्रत्ये तेनुं
विशेष लक्ष जतुं नथी. मुमुक्षुनुं आवुं सुंदर जीवनघडतर गुरुदेवनी छायामां थाय छे.
खरेखर, गुरुदेवनी छायामां जीवन ए एक अनेरुं जीवन छे.
सं. २०१८ना मागशर मासमां गुरुदेवनी जमणी आंखनो मोतियो
सफळतापूर्वक ऊतर्यो; पूरता आराम बाद अढी महिने ज्यारे फरीने गुरुदेवनां प्रवचनो
शरू थयां त्यारे भारतभरना जिज्ञासुओए आनंदित थईने सन्देश द्वारा खुशाली व्यक्त
करी हती; अने आ प्रसंगे श्रीमान दीपचंदजी शेठिया वगेरे मुमुक्षुओ तरफथी खुशाली
साथे ज्ञानप्रचार माटे कुल रूा. २प, ००० जेटली रकमो जाहेर करवामां आवी हती.
भक्ति वगेरे प्रसंगोथी ए दिवस मोटा हषोत्सवरूपे उजवायो हतो.
मानस्तंभनो महाअभिषेक
सं. २०१८ ना चैत्र मासमां मानस्तंभना महान प्रतिष्ठामहोत्सवनी दसमी
वर्षगांठ हती, ते निमित्ते मंच बांधीने मानस्तंभना दसवर्षीयमहाअभिषेकनुं भव्य
आयोजन करवामां आव्युं हतुं. उत्सवना ए दिवसो यादगार बनी रह्या छे. बार वर्षे
थता बाहुबलीनाथना महामस्तकाभिषेक जेवो आ अभिषेक शोभतो हतो, ने आ रीते
दरेक दस वर्षे (के पांच वर्षे) आवो अभिषेक थाय–एम भक्तो भावना भावता हता.
मंच उपर गुरुदेवे भक्तिभावथी सीमंधरनाथनुं पूजन करीने सुवर्णकळशथी
महाअभिषेकनो मंगल प्रारंभ कर्यो हतो..... मानस्तंभ–महोत्सवनां मधुर संभारणां ए
वखते ताजां थतां हतां. हजारो यात्रिको होंसेहोंसे मंचद्वारा उपर जईने मानस्तंभनी
आनंदकारी यात्रा करता हता, ने भक्तिभावथी पूजन करता. गुरुदेव घणीवार मंच
उपर जईने सीमंधरनाथ पासे बेसता, ने विधविध भावनाओ साथे भक्ति
गवडावता. कोई कोईवार पू. बेनश्रीबेन पण अद्भुत भक्ति तथा पूजन करावतां.
चैत्र सुद १३ नो पवित्र दिवस पण विशेष आनंदोल्लासथी उजवायो हतो.