Atmadharma magazine - Ank 308
(Year 26 - Vir Nirvana Samvat 2495, A.D. 1969)
(Devanagari transliteration).

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: जेठ : २४९प आत्मधर्म : ३३ :
रमां ४७ शक्तिनुं रटण करी जाय छे ने कहे छे के मारी माळा छे. ‘४७ शक्ति ते
आत्मानो वैभव छे, एवा वैभवशाळी भगवान आत्मानुं अंतरमां ध्यान करवाथी
ज्ञान–आनंदरूपी वैभव प्रगटे छे.’ –आम गुरुदेवे पोताना स्वहस्ते ‘आत्मवैभव’
पुस्तकमां लख्युं छे. तेओ घणीवार प्रमोदथी कहे छे के अहा! संतोए अंदरमां
सर्वज्ञस्वभावना भेटा करी करीने एनी शक्तिनां अचिंत्य रहस्यो खोल्यां छे. ४७ शक्ति
वडे आत्मगुणोनो जे अपार महिमा गुरुदेवे समजाव्यो छे ते मुमुक्षुने न्याल करे तेवो छे.
पोष सुद दसमे गुरुदेव घणा भक्तोने कहेता के–‘आजे तो में भगवान जोया.’ ते
सांभळीने भक्तो आर्श्चयमां पडी जतां. ने गुरुदेव प्रमोदथी खुलासो करता के आजे तो
स्वप्नमां पूर्वना आकाशमां बाहुबली भगवानना अद्भुत देदार देख्या. आश्चर्यकारी एमनी
मुद्रा हती. एनुं रूप ने एमना मुख उपरनी वीतरागता कोई अलौकिक हता. ए अचिंत्य
शक्तिवंत बाहुबलीनाथना अद्भुत वैराग्यदेदारना दर्शनथी गुरुदेवने घणो ज आह्लाद
थयो हतो; अने गुरुमुखे एनुं वर्णन सांभळीने भक्तजनोने पण खूब हर्ष थयो.
गुरुदेव अवारनवार स्वप्नमां अपूर्वभावसूचक स्वप्नो जुए छे, –कोईमां
भूतकाळना भणकारा होय छे, तो कोईमां भविष्यनी आगाही होय छे; ने कोईवार
वर्तमान अध्यात्मनुं जे घोलन चालतुं होय ते स्वप्नमां फरीने ताजुं थाय छे. घणां वर्षो
पहेलांना एक स्वप्नमां गुरुदेवे छठ्ठ–सातमना केटलाय चंद्रमाथी भरेलुं आकाश जोयुं
हतुं. तेने घणीवार याद करीने गुरुदेव कहे छे के जाणे–छठ्ठा–सातमा गुणस्थानरूप
मुनिदशा सूचवतुं होय–एवुं ए मंगल स्वप्न हतुं. बीजा एक स्वप्नामां सिद्धांत सूत्रो
लखेलां मोटां मोटां पाटियां आकाशमांथी ऊतरतां जोयेलां, –ते जिनवाणीनी प्राप्ति
अने श्रुतज्ञाननी अतिशयतानुं सूचक हतुं. आ उपरांत, जाणे पोते कोई राजकुमार होय
एवा भणकार आवता.–जे स्पष्टपणे पूर्वभवना सूचक हता; पण ते वखते एनी खबर
न हती. पाछळथी जातिस्मरणज्ञानना प्रसंगो बनतां ए बधुं स्पष्ट थयुं, ने बधी संधि
मली गई के पोते पूर्वभवे विदेहमां एक राजकुमार हता–तेना ए भणकार हता. वीर
सं. २४८७ ना जेठमासमां गुरुदेवे कोई एक मुनिराजने स्वप्नमां जोया. जाणे कोई
मुनिराज दर्शन देवा पधार्या छे. मुनिराजना अद्भुत आश्चर्यकारी दर्शनथी गुरुदेवने
अपार प्रमोद थयो. (ए द्रश्यनी थोडीक यादी सुवर्णसंदेशना ३२ मा अंक