Atmadharma magazine - Ank 308a
(Year 26 - Vir Nirvana Samvat 2495, A.D. 1969)
(Devanagari transliteration).

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: १८ : आत्मधर्म : प्र. अषाड : २४९प
शुद्धात्माना अनुभव सिवाय बीजो कोई मोक्षनो मार्ग नथी. आवो मार्ग पोते
अनुभवीने भगवंतोए जगतने दर्शाव्यो छे. अमे आवा मार्गनो निर्णय कर्यो छे, आवा
मोक्षमार्गमां अमारी मति व्यवस्थित थई छे. जुओ, आचार्यदेव निःशंक स्वानुभवथी
जाणे छे के मोक्षना मार्गमां अमारी मति स्थिर थई छे; तेमां हवे बीजा विकल्पने
अवकाश नथी. माटे अति प्रलापथी बस थाओ. अहो, आवो एक ज मोक्षमार्ग
उपदेशनारा अर्हन्तोने नमस्कार हो.
अहीं गा. १९९ मां पण आचार्यदेव कहे छे के मोक्षनो मार्ग शुद्धात्मामां
प्रवृत्तिरूप छे. शुभरागमां–व्यवहारमां प्रवृत्ति ते कांई मोक्षनो मार्ग नथी, ते तो बंधनो
मार्ग छे. अहो, शुद्धात्मानी अनुभूतिरूप आ एक ज मोक्षमार्ग, तेमां प्रवर्तेला,
सिद्धभगवंतोने नमस्कार हो; अने शुद्धात्मप्रवृत्तिरूप मोक्षमार्गने नमस्कार हो. –बीजा
विस्तारथी बस थाओ, आवो मोक्षमार्ग अमे अवधारित कर्या छे अने मोक्षने साधवानुं
कृत्य कराय छे. शुद्धात्माना अनुभवरूप मोक्षमार्गमां अमे वर्ती ज रह्या छीए.
भगवंतोए जे मार्ग सेव्यो, ते ज मार्गनो अनुभव करीने अमे पण मोक्षने साधी रह्या
छीए. जे मार्गे अनंता तीर्थंकरो संचर्या–ते ज मार्गे अमे पण चाली रह्या छीए. चोथा
काळना भगवंतो जे मार्गे चाल्या ते ज मार्गे अमे पंचमकाळना मुनिओ पण जई रह्या
छीए. अने अत्यारे विदेहक्षे५मां पण आ ज मार्ग तीर्थंकरभगवंतो उपदेशी रह्या छे, ने
मुनिओ आ ज मार्गे केवळज्ञान प्रगट करीने मोक्षने साधी रह्या छे. –आवो मोक्षनो
एक ज मार्ग छे. ५णेकाळना जीवोने माटे मोक्षनो मार्ग एक ज छे.–
भेदविज्ञानता; सिद्धा; सिद्धा ये किल केचना
अस्यैव–अभावतो बद्धा बद्धा ये किल केचनाा
भेदविज्ञान कहो के परथी भिन्न शुद्धात्मानो अनुभव कहो, ते ज मोक्षनो मार्ग
छे. चरमशरीरी हो के एकाद बे भव बाकीवाळा अचरमशरीरी हो, तीर्थंकर हो के
सामान्य मुमुक्षु हो–बधायने माटे एक ज मोक्षमार्ग छे, कोईने माटे बीजो मोक्षमार्ग
नथी. पंचमकाळना अचरमशरीरी मुनिवरो पण आवा शुद्धात्मअनुभवरूप
निश्चयमोक्षमार्गमां वती रह्या छे. आवा मार्ग प्रत्येना प्रमोदथी आचार्यदेव कहे छे के
अहो, आवा मार्गने साधनारा तीर्थंकरोने नमस्कार हो, आवा मार्गने नमस्कार हो.
अमे पण आवो मोक्षमार्ग अवधारित कर्यो छे, कृत्य कराय छे: ‘
अवधारितो मोक्षमार्ग
कृत्यं अनुष्ठीयते। ’ पोते ते भगवंतोना मार्गमां भळीने तेने नमस्कार कर्या छे.