: प्र. अषाड : २४९प आत्मधर्म : ३१ :
जय हो अतीन्द्रियज्ञाननो (संपादकीय)
काचनुं दूरबीन खोटुं पडशे; अतीन्द्रियज्ञाननुं दूरबीन खोटुं नहीं पडे
* चंद्र उपर वस्ती छे.?
हा; त्यां ज्योतिषीदेवो वसे छे.
* चंद्रलोकमां जई शकाय?
हा; जे जीवोए जिनभक्ति वगेरे शुभभाव कर्या होय अने आत्मानुं भान कर्युं
न होय–एवा मिथ्याद्रष्टिजीवो मरीने चंद्रलोकमां पण ऊपजे छे.
* एवा जीवोने अहींथी चंद्रलोकमां पहोंचता केटलो वखत लागे?
एक के बे समय; एटले एक सेकंडना करोड–अबजना भागथी पण ओछा
वखतमां ते चंद्रलोकमां पहोंची जाय. अहींना मोटा राजा–महाराजा–शहेनशाह
करतां पण त्यां विशेष वैभव छे.
* मनुष्य चंद्रलोकमां जईने रही शके?
ना; कदी नहीं.
* आवता जुलाई मासमां तो अमेरिकाना माणसो चंद्रलोकमां उतरवाना छे?
ते फक्त कल्पना छे; तेओ चंद्रलोकमां ऊतरी शकवाना नथी ज.
* तेओ गया मासमां ‘अपोलो १०’ नी अवकाशया५ा वखते चंद्रथी मा५ नव
माईल ज दूर रह्या हता–ते खरूं?
ते वात साची नथी. तेमणे मशीन द्वारा अंतरनुं जे माप कर्युं छे तेमां क्यांक
मोटी भूल छे. तेमना कथन प्रमाणे तेमणे पृथ्वीथी चंद्र तरफनुं बे के ५ण लाख
माईलनुं ज अंतर काप्युं हतुं, एटले हजी तो तेमने चंद्र लाखो माईल दूर रह्यो,
केमके सिद्धांत अनुसार चंद्र (ज्यारे सौथी नजीक होय त्यारे पण) आपणाथी
लगभग चालीस लाख माईलथी वधु दूर छे, ने तेनी गतिनी झडप दर कलाके
अढीकरोड माईल जेटली छे.
* चंद्र संबंधमां एक बीजी विशेषता ए छे के जे चंद्रने आजे (एटले धारो के
रविवारे) रा५े आपणे जोईए छीए, बीजे दिवसे सोमवारे रा५े आपणे ते ज
चंद्रने नथी देखता, पण बीजा ज चंद्रने देखीए छीए. रविवारे देखेलो चंद्र तो