: ६ : आत्मधर्म : द्वि. अषाड : २४९५
ज्ञान अने ईनाम
विविध ज्ञान साथे ईनामी योजनावाळा आ प्रश्नो सौने खूब गम्या छे; बाळको
तेमज बीजा जीज्ञासु वांचको पण तेमां उत्साहथी भाग लई रह्या छे, एटलुं ज नहि
पण तेमां ईनाम आपवा माटेनी रकम पण तेओ ज मोकली आपे छे. ते अनुसार आ
मासमां ईनाम आपवा माटे रूा. ३३/– राजकोटना सभ्यो कमलेश–रूपा तथा दीपक
वछराजभाई जैन तरफथी आवेल हता. गतमासनुं ईनाम आपवा माटे वांकानेरना
मोतीबेन तरफथी रूा. ११/– आवेल हता. आ वखते नवी जातना प्रश्नो पूछीए छीए.
प्रश्नो सहेला छे, जराक महेनत करशो तो जरूर उत्तर मळी जशे, अने तमने आनंद पण
थशे. ईनाम आपवा माटे रूा. २५/– चेम्बुरना उत्साहि कोलेजियन सभ्य शैलाबेन
चंद्रकान्त जैन तरफथी आवेला छे. प्रश्नना जवाबो ता. १० ओगस्ट सुधीमां संपादक,
आत्मधर्म सोनगढ (सौराष्ट्र) –ए सरनामे लखवा.
[आ विभागनी एक खूबी ए छे के जवाब लखनार कोई नपास थतुं ज नथी;
१०० टका पासनुं ज परिणाम आवे छे. माटे तमे पण उत्साहथी भाग ल्यो. ]
नीचे ८ वाक््यो आप्यां छे. तेमां अक्षरो पूरा छे; परंतु ते अक्षरो जराक
आडाअवळा थई गया छे, ते तमारे बराबर गोठववाना छे. ए ध्यानमां राखजो के
आमां तमारे नवा अक्षर उमेरवानी जरूर नथी, पण जे अक्षरो आडाअवळा आपेला
छे ते अक्षरो ज सरखा गोठववाना छे– (शब्दोनो जे क्रम आपेल छे ते बराबर छे;
मात्र अक्षर आडाअवळा छे.)
(१) भतर अने बाबलीहु नेबं ईभा हता.
(२) वीसमाबा करतीर्थं नानेमिथ नारगीरथी मोक्ष पाम्या.
(३) रमवीहा नभवाग पापुवारीथी मोक्ष पाम्या.
(४) ढगमांनसो ३६ फूट ऊंचो नभमास्तं छे.
(५) ‘मोन हंणंअरिता’ –ए महामंत्र छे.
(६) रमसायस शास्त्रमां ५१४ ओथागा छे.
(७) आत्मा स्वनभावीज्ञा वस्तु छे.
(८) नोजीव मोक्ष वीगीरात थीरत्रयत्न थाय छे.