Atmadharma magazine - Ank 310
(Year 26 - Vir Nirvana Samvat 2495, A.D. 1969)
(Devanagari transliteration).

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: १८ : आत्मधर्म : श्रावण : २४९प
• सुखनो उपाय–ज्ञान अने सत्समागम •
हे जीव! तारे सुख जोईए छे ने? जो तारे सुख जोईतुं होय तो तुं पहेलां सुख
क्यां छे अने केम प्रगटे तेनो निर्णय कर, ज्ञान कर. सुख क्यां छे अने केम प्रगटे तेना
ज्ञान वगर तप करीने सुकाई जाय तोपण सुख न मळे, धर्म न थाय. सर्वज्ञ भगवाने
कहेला श्रुतज्ञानना अवलंबनवडे ए निर्णय थाय छे. अने ते निर्णय करवो ए ज प्रथम
धर्म छे. जेने धर्म करवो होय ते धर्मीने ओळखे, अने तेओ शुं कहे छे तेनो निर्णय
करवा माटे सत्समागम करे. सत्समागमे जेने श्रुतज्ञाननुं अवलंबन थयुं के अहो!
परिपूर्ण आत्मवस्तु, आ ज उत्कृष्ट महिमावंत छे, मारा आवा परमस्वरूपने में
अनंतकाळमां सांभळ्‌युं पण नथी, –आम थतां तेने स्वरूपनी रुचि जागे अने
सत्समागमनो रंग लागे, एटले तेने कुदेवादि के संसार प्रत्येनो रंग ऊडी जाय, रागनो
रंग पण ऊडी जाय ने ज्ञानस्वभाव तरफ वलण थाय.
जो ज्ञानस्वभावी वस्तुनो महिमा ओळखे तो प्रेम जागे अने ते तरफ पुरुषार्थ
वळे. आत्मा अनादिथी स्वभावने चूकीने परभावरूपी परदेशमां रखडे छे, स्वरूपथी
बहार संसारमां रखडतां रखडतां जीवने कोई महा भाग्ये परम पिता सर्वज्ञ परमात्मा
अने परम हितकारी गुरु भेटया, तेओ पूर्ण हित केम थाय ते संभळावे छे अने
आत्माना स्वरूपनी ओळखाण करावे छे. अहा, पोतानुं स्वरूप सांभळतां कया
जिज्ञासुने उल्लास न आवे? आवे ज. आत्मस्वभावनी वात सांभळतां जिज्ञासु
जीवोने महिमा आवे ज.... अहो! अनंतकाळथी आ अपूर्व ज्ञान न थयुं, स्वरूपनी
बहार परभावमां भमीने अनंतकाळ दुःखी थयो; आ अपूर्व ज्ञान पूर्वे जो कर्युं होत तो
आ दुःख न होत...आम स्वरूपनी झंखना लागे, रस आवे, महिमा जागे अने ए
महिमाने यथार्थपणे घूंटता स्वरूपनो निर्णय करीने स्वसन्मुख थाय.
आ रीते जेने धर्म करीने सुखी थवुं होय तेणे प्रथम श्रुतज्ञाननुं अवलंबन
लईने आत्मानो निर्णय करवो. भगवाने कहेल श्रुतज्ञानरूपी दोरीने द्रढपणे पकडीने
तेना अवलंबनथी स्वरूपमां पहोंची जवाय छे. श्रुतज्ञाननुं अवलंबन एटले शुं? जेने
साचा श्रुतज्ञाननो ज रस छे, अन्य कुश्रुतनो रस नथी, संसारनी वातोनो रस टळी
गयो छे, ने श्रुतज्ञाननो तीव्र रस लाग्यो छे; आ रीते श्रुतज्ञानना अवलंबन वडे–
ज्ञानस्वभावी आत्मानो निर्णय करवा जे तैयार थयो छे, तेने अल्पकाळमां आत्मभान
थशे. संसारनो तीव्र लोहवाट जेना हृदयमां घोळातो होय तेने तो आ