Atmadharma magazine - Ank 313
(Year 27 - Vir Nirvana Samvat 2496, A.D. 1970)
(Devanagari transliteration).

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: २८ : : कारतक : २४९६
खरी जवुं–ए त्रणे बोल निर्जरामां एक साथे समाय छे. आवी निर्जराने अज्ञानी
ओळखतो पण नथी.
लोको पुण्यने धर्म माने छे, व्यवहारधर्मने ज साचो धर्म मानी ल्ये छे, तेथी अहीं
तेनो निषेध करवा कहे छे के एवा पुण्यरूप धर्मने ज्ञानी ईच्छता नथी; जेने व्यवहारधर्म
कह्यो, अथवा लोको जेने धर्म माने छे–एवा पुण्यना शुभभावो तेनी पक्कड ज्ञानीने
नथी, तेनी ईच्छा ज्ञानीने नथी; ज्ञानी ते भावोने पोताना ज्ञानथी भिन्न जाणे छे.
जेने ज्ञानथी भिन्न जाण्या तेनुं स्वामीपणुं ज्ञानीने केम होय? ने जेनुं स्वामीपणुं न होय
तेनी ईच्छा केम होय? माटे ज्ञानीने पुण्यनी ईच्छा नथी; तेने ते परभावपणे जाणीने
छोडे छे.
एककोर आत्मानो ज्ञानभाव, ने एनाथी जुदा बधा अ–ज्ञानभाव; पुण्यनो
शुभराग ते ज्ञानमय नथी पण ज्ञानथी भिन्न छे. ते पुण्यना रागमां चेतकपणुं नथी,
‘आ पुण्य छे’ एम ज्ञान तेने जाणे छे; ते पुण्यने जाणनारुं ज्ञान पोते पुण्यरूप थतुं
नथी पण तेनाथी जुदुं ज रहे छे. ने आवा जुदा ज्ञानस्वरूपे ज धर्मी पोताने अनुभवे
छे.–एटले ते ज्ञानस्वभावने ज स्वपणे ग्रहे छे, ने ए सिवाय अन्य बधा पर भावोने
परपणे जाणीने छोडे छे.–आवी शुद्धदशाथी ज्ञानीने निर्जरा थाय छे, ने ते मोक्षमार्ग छे.
चोथा गुणस्थाने आत्मा जाणवामां आव्यो, अनुभवमां आव्यो, प्रतीतमां
आव्यो;–ते कई रीते आव्यो? शुं शुभराग वडे आत्मानो अनुभव थाय?–ना;
शुभरागने तो अनात्मा कह्यो, अज्ञानमय कह्यो, तेना वडे आत्मानुं ज्ञान थई शके नहीं.
तेनाथी भिन्न एवा ज्ञानना शुद्धउपयोग वडे ज आत्मा जणाय छे–अनुभवाय छे ने
प्रतीतमां आवे छे. चोथुं गुणस्थान आवा भावथी प्रगटे छे; शुभरागथी चोथुं
गुणस्थान नथी प्रगटतुं.
आत्मा प्रभु छे. प्रभु एटले स्वामी.–कोनो स्वामी?–कोनो प्रभु? आत्मा शुं
रागनो प्रभु छे? ना; आत्मा तो ज्ञाननो प्रभु छे, आनंदनो प्रभु छे; ज्ञान–आनंद
आदि अनंतगुणोना वैभवनो स्वामी आत्मा छे, ते ज आत्मानुं प्रभुत्व छे. आवा
निजवैभवनुं स्वामीपणुं छोडीने, जे जीव राग–द्वेष–मोहरूप अज्ञानभावनो स्वामी थवा
जाय छे ते अज्ञानी छे; अज्ञानभावोनो स्वामी अज्ञानी होय; ज्ञानी तो ज्ञानभावनो ज
स्वामी छे. ज्यां ज्ञानमय आत्मवस्तु लक्षमां आवी त्यां विकल्पमां–रागमां एकत्वबुद्धि
रही शके नहीं. अनंतगुण भंडारनो जे स्वामी थयो ते रागादि दोषोनो स्वामी थाय
नहीं. तेनी