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उत्पादनुं तो उत्पाद एक ज लक्षण छे; ध्रुव छे माटे उत्पाद छे, के व्यय छे माटे ते उत्पाद
छे–एम नथी. परना उत्पाद–व्यय–ध्रुव तो आ पर्यायमां नथी, पण पोतामां जे उत्पाद
छे, ते व्यय के ध्रुवने लईने नथी. उत्पादनुं लक्षण उत्पाद ज छे, व्ययनुं लक्षण व्यय छे,
ध्रुवनुं लक्षण ध्रुवता छे; एम तेमने दरेकने एकलक्षणपणुं छे. आखुं जे सत् ते एक साथे
उत्पाद–व्यय–ध्रुव एवा त्रिलक्षणवाळुं छे.
केवळज्ञाननो उत्पाद पोताना कारणे छे. समवसरणमां प्रभु बिराजे छे, ज्ञानीनुं
लक्ष त्यां गयुं ने प्रभुनुं ज्ञान थयुं, त्यां ते ज्ञाननो उत्पाद पोतामां छे ने प्रभुनो
उत्पाद प्रभुमां छे. अरे, आवो ज्ञाननो महान दरियो, ते रागनो करनार होय नहीं.
एटले राग छे माटे ज्ञाननो उत्पाद थाय छे एम पण नथी. आवा स्वतंत्र
वस्तुस्वभावने ओळखे त्यां रागनी कर्तृत्वबुद्धि पण रहे नहीं; ने परनो तो
पोतामां अभाव छे ज.
छे. मोटो गुणनो दरियो, तेमां अनंतगुणनी ध्रुवता, ते ध्रुवने कारणे छे, तेमां
समयेसमये पर्यायनो उत्पाद ते उत्पादने कारणे छे, व्यय ते व्ययने कारणे छे. आ बधा
पदार्थरूप विश्वने जाणवानी ज्ञाननी ताकात छे. अरे, आवा ज्ञानने रागनुं काम सोंपवुं
ते विपरीत छे.
अहो, अलौकिक गंभीर वस्तुस्वरूप छे. आवा द्रव्यानुयोगनो सूक्ष्म अभ्यास
करवो एम श्रीमद्