Atmadharma magazine - Ank 314
(Year 27 - Vir Nirvana Samvat 2496, A.D. 1970)
(Devanagari transliteration).

< Previous Page   Next Page >


PDF/HTML Page 22 of 41

background image
: मागशर : २४९६ : १९ :
तो साचुं ज्ञान थाय; जुदाने एक मानीने राखवा मथे तो अज्ञानथी जीव दुःखी थाय;
पण कांई जड पदार्थ एनां थईने रहे नहीं. जुदां छे ते त्रणेकाळ जुदा छे, कदी एक थतां
नथी. भाई, जडथी जुदा तारा चेतनमय निजघरने जो...ने तेमां वस. पोताना घरमां
आववुं मोंघुं केम होय? ढोर पण खेतरमां काम करीने सांजे थाक्या पाक्या घरे आवे
त्यारे होंशथी दोडता आवे छे; तो अनादिथी परभावमां रखडी रखडीने दुःखी थयेलो
थाकेलो आत्मा भेदज्ञान करीने ज्यारे चैतन्यमय निजघरमां आवे छे त्यारे तेनी
परिणति आनंदथी दोडती दोडती स्वघरमां आवे छे. आवुं ज्ञान–आनंदमय स्वघर
बतावीने संतो तेमां वास्तु करावे छे.
परीक्षा करो–साचुं छे के खोटुं?

१. एक सम्यग्द्रष्टि जीव मरीने ज्योतिषीदेवनो ईंद्र थयो.
२. एक सम्यग्द्रष्टि जीव मरीने बीजी नरकमां गयो.
३. एक सम्यग्द्रष्टि जीव मरीने पहेली नरके गयो.
४. एक जीवे तीर्थंकर प्रकृति बांधी, ने पछी त्रीजी नरके गयो.
प. एक जीवे तीर्थंकर प्रकृति बांधी ने पछी चोथी नरके गयो.
६. एक जीव छठ्ठी नरकेथी नीकळी, मनुष्य थयो ने पछी मुनि थयो.
७. एक जीव चोथी नरकेथी नीकळी, मनुष्य थई, केवळज्ञान पामी, मोक्षे गयो.
८. एक जीव आत्माने ओळखी मुनि थयो, ने क्षपकश्रेणी मांडी स्वर्गे गयो.
९. एक जीव त्रीजा गुणस्थाने मरीने देवलोकनो देव थयो.
१०. भरतक्षेत्रनो कोई जीव सीमंधरप्रभु पासे गयो ने क्षायिक समकित पाम्यो.
विद्यार्थीओ, तमारे स्कुलमां परीक्षा आपवानुं होय त्यारे बहु बोजो
लागे छे; पण परीक्षा आपवाने बदले पेपर तपासवानुं काम तमने सोंप्युं होय
तो?–केवी मजा आवे! अच्छा, तो अहीं अमे तमने परीक्षक बनावीए छीए.
उपरनां दश वाक्योमां साचा–खोटानी परीक्षा तमारे करवानी छे. तो कया
साचा छे ने कया खोटा छे? ते तपासी आपो. (जराक दीर्घद्रष्टिथी तपासजो.)