
ने हजारो बाळको युवानो आस्थापूर्वक धर्ममां रस लई रह्या छे.
लौकिक दाखलो लईए तो गांधीजी अने गोडसे जेवा मनुष्यो वीसेक वर्ष पहेलां आ
भारतभूमिमां हता ए तो तमे मानो छोने!–बेमांथी एक्केयने तमे नजरे जोया नथी छतां
तेने तमे मानो छो अने शंका ऊठती नथी. केमके तेमना संबंधी पुस्तकद्वारा, बीजा अनुभवी
मनुष्योना कथन द्वारा के अन्य अनुमानोथी तमे तेनो स्वीकार करो छो के जरूर ते हता.
हतो.) तथा विशेषज्ञानी प्रमाणभूत ज्ञानीओ द्वारा अने बीजा प्रमाणो (जातिस्मरण
ज्ञान वगेरे) थी ए बधायनुं निःशंक अस्तित्व समजी शकाय छे. एवा प्रमाणभूत
ज्ञानी जीवो पण छे के जेओ पूर्वे भूतकाळमां स्वर्गमां हता तेनुं अत्यारे तेमने ज्ञान
होय. अमुक स्थळे स्वर्गना देवोनुं आगमन पण कोईवार संभवे छे. तीर्थंकर
भगवानना कल्याणक प्रसंगे के भगवाननी समवसरणसभामां तो देवोने आपणे पण
नजरे देखी शकीए. अमेरीका कदी न जोयुं होय छतां जेटली सहेलाईथी तेनुं अस्तित्व
स्वीकारी शकाय छे एटली ज सहेलाईथी स्वर्ग–नरकनुं अस्तित्व पण स्वीकारी शकाय छे,
ने जरूर ते स्वीकारवुं जोईए. ते स्वर्ग–नरकना कारणरूप भाव (पुण्य ने पाप) पण
जीवोमां देखाय छे; तो ते कारण अनुसार कार्य (–तेना फळरूप स्वर्ग–नरक) जरूर छे.
अने मोक्षदशा–सिद्धदशा तो एनाथी पण घणी सूक्ष्म छे–के जे वीतरागभावनुं फळ छे.