: फागण: २४९६ आत्मधर्म : २३ :
तीर्थंकरनुं तथा तेमना माता–पितानुं बहुमान करीने, आठ कुमारिका देवीओने
माताजीनी तथा बाल तीर्थंकरनी सेवामां नियुक्त करी. भिन्न भिन्न प्रदेशनी छप्पन
कुमारिका देवीओ माताजीनी सेवामां उपस्थित थई हती, ने पोताने धन्य समजती
हती.
वाराणसी (काशी) नगरीमां विश्वसेन राजानी भव्य राजसभा भराणी हती,
जेमां काशीना विद्वानो पण हाजर हता. वामादेवी माताना १६ स्वप्नोनुं द्रश्य, तथा
तेना फळरूपे सर्वत्र आनंदनुं वातावरण हतुं. पंचकल्याणक द्वारा प्रभुनो महिमा
देखीदेखीने आनंद थतो हतो.
प्रतिष्ठाविधि सागरना पं. मुन्नालालजीए करावी हती. पू. श्री कानजी स्वामीना
पधारवाथी उत्सवनुं वातावरण घणुं ज प्रभावशील बन्युं हतुं. रात्रे विद्वानोना भाषण
बाद कारंजाना श्राविकाश्रमनी बहेनोए गर्भकल्याणक संबंधी भावभीनो सुंदर
अभिनय कर्यो हतो. माताजी साथे कुमारिका देवीओनी चर्चा–विनोद वगेरे द्रश्यो घणी
सरस रीते रजु थया हता, तेमांय तत्त्वचर्चा तो सम्यक्त्वनो महिमा बतावीने
अध्यात्मनो रस जगाडनारी हती.
बीजे दिवसे (ता. प माह वद तेरसे) सवारमां १६ उत्तम स्वप्नोनुं मंगळ फळ,
देवीओ द्वारा मातानी सेवा अने तत्त्वचर्चाना द्रश्यो थया हता. शिरपुरना आ
प्रतिष्ठामहोत्सवमां भारतना भिन्न भिन्न प्रदेशोमांथी प्रतिष्ठा माटे कुल २३ प्रतिमाजी
आव्या हता, जेनी यादी नीचे मुजब छे–
(१) आदिनाथ भगवान ढसाला (महाराष्ट्र) (१३) शांतिनाथ भगवान बासीम
(२) पार्श्वनाथ भगवान (४। फूट) शिरपुर (१४) आदिनाथ भगवान (४ फूट) बासीम
(३) पार्श्वनाथ भगवान ढसाला (१प) धर्मनाथ भगवान
(४) पार्श्वनाथ भगवान ढसाला कानातलाव (सौराष्ट्र)
(प) चंद्रप्रभ भगवान ढसाला (१६) शांतिनाथ भगवान”
(६) आदिनाथ भगवान ढसाला (१७) आदिनाथ भगवान”
(७) पार्श्वनाथ भगवान ढसाला (१८) महावीर भगवान”
(८) पार्श्वनाथ भगवान (४ फूट) बासीम (१९) चंद्रप्रभ भगवान शेलु (मानवत)
(९) महावीर भगवान नागपुर (२०) बाहुबली भगवान अकोला
(१०) महावीर भगवान बासीम (२१) पार्श्वनाथ भगवान अकोला
(११) पार्श्वनाथ भगवान बासीम (२२) महावीर भगवान आनसिंग
(१२) पार्श्वनाथ भगवान बासीम (२३) पार्श्वनाथ भगवान आनसिंग