भीखारी थईने भटके–ए तो कांई शोभे छे?
वस्तुमां गुण–पर्यायना भेद पडे तो ते भेद पडीने पण तेनामां ज रहे, बीजामां न जाय.
अभेदवस्तुमां भेद कहेवो ते व्यवहार छे, पण ते भेद तेनामां ज रहे छे. आत्मामां
एना अनंतज्ञानादि गुणअपेक्षाए भेद पडे छे, छतां वस्तुरूपे आत्मा एक छे. आवुं
अनेकान्तस्वरूप छे. आत्माना निर्मळ गुण–पर्यायरूप सत्त्वमां रागादि परभावोनो
अभाव छे. –आवुं अस्ति–नास्तिरूप अनेकान्तपणुं पण स्वयमेव प्रकाशमान छे.
छे, पण तेथी कांई ते परनो कर्ता थई जतो नथी; अने परना ज्ञानमां आत्मा प्रमेय
थाय छे पण तेथी कांई ते परनुं कार्य थई जतो नथी. पोते प्रमाणरूप थईने परने जाणे,
ज्ञाता ज्ञेयपणानो संबंध छे, पण तेथी विशेष बीजो कोई संबंध नथी.
छे ए वात प्रकाशशक्तिमां बतावी; अने आत्मा परने पण जाणे –ए वात अहीं लीधी.
तेमज आ आत्माने बीजा आत्मा पण (–जेनामां ते प्रकारनुं ज्ञान होय तेओ) जाणी
शके छे. –एम पण आमां आव्युं. ईन्द्रियोवडे बीजा आत्माओ आ आत्माने जाणी शके
नहीं; पण अतीन्द्रिय–ज्ञानथी तो आत्मा जरूर जणाय. आत्मा एवो नथी के कोईने
जणाय ज नहीं.