Atmadharma magazine - Ank 329
(Year 28 - Vir Nirvana Samvat 2497, A.D. 1971)
(Devanagari transliteration).

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: १८ : आत्मधर्म : फागण : २४९७
अहा, समवसरणमां बिराजमान तीर्थंकर भगवाननी शोभा आश्चर्यकारी हती.
भगवान समवसरणमां कल्पवृक्ष हता; दशविध भोगनी सामग्री देनारां उत्तम
भगवाननो उपदेश कोई अद्भुत हतो, आत्मानो परम महिमा समजावीने