आपी शके–एवी ए चैतन्यहीरानी किंमत छे. बाकी तो आखी दुनियानी संपत्ति पण
चैतन्यहीरानी तुलनामां एक पथरानी बराबरेय नथी. अरे, कांई पथराथी ते
आत्मानी किंमत थती हशे? तो खरेखर शुं किंमत छे चैतन्यहीरानी? ए किंमत तो तुं
आनंद थाय ते अखूट आनंदना धाममां तुं केलि करतो ज रहीश. पछी जेम जेम तुं
वधारे ने वधारे आनंदमां जतो रहीश तेम तेम हे जीव! तने एम थशे के मारा आ
चैतन्यहीरानी किंमत कोई शब्दोथी के बीजा कोई पदार्थोथी आंकी शकाय तेम नथी.
एनी किंमत तो केवळी भगवानना आनंद जेटली छे–जे आनंदनी कोई सीमा नथी.
आवडो मोटो किंमती चैतन्यहीरो तारी पासे ज होवा छतां हे मूर्खजीव! तुं बाह्य संपदा
पासे केम भीख मांगे छे? सुख थवुं होय तो आ चैतन्यहीराने देख; फोगटनो समय
गुमाव मा. –हसमुखना जयजिनेन्द्र
जे समये जे प्रकारे जेना द्वारा जे थनार छे ते थाय ज छे, तेने टाळी शकातुं
भय रह्यो नथी.
जाणनहार छुं. आम जाणी लीधुं छे तेथी हवे अमने संसारमां कोई भय नथी.