Atmadharma magazine - Ank 331
(Year 28 - Vir Nirvana Samvat 2497, A.D. 1971)
(Devanagari transliteration).

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: वैशाख : २४९७ आत्मधर्म : १ :
वार्षिक वीर सं. २४९७
लवाजम वैशाख
चार रूपिया
May, 1971
* वर्ष २८ : अंक ७ *
महावीरना मार्गनी प्रसिद्धि
भगवान महावीरे आत्माना अनुभववडे मोक्षने
साध्यो, तमे पण आजे ज एवो अनुभव करो.
* * * * *
चैत्र सुद तेरसना मंगलदिने, सोनगढमां
श्री हीराभाईनी बंगली–के ज्यां सं. १९९१ मां
गुरुदेवे वीतरागमार्गनी प्रसिद्धि करी. –त्यां प्रवचन
करतां गुरुदेव कह्युं के–आत्मानी अनुभवदशा वडे
मोक्ष सधाय छे. आ महावीरनो मार्ग छे ने आज
महावीरनो उपदेश छे. जे जीव आवो मार्ग
समजीने पोतामां प्रगट करे तेनो अवतार सफळ
छे...तेणे महावीर भगवानने खरेखर ओळखीने
तेमनो महोत्सव उजव्यो, अने तेणे पोतामां
महावीरना वीतरागमार्गने प्रसिद्ध कर्यो.
आजे चैत्र सुद तेरस, भगवान महावीरनो जन्मदिवस छे. आजथी २प६९ वर्ष
पहेलांं भगवान आ भरतभूमिमां वेशालीनगरीमां अवतर्या हता. भगवाननो जन्म
मंगलरूप हतो, तेओ जन्मथी ज अतीन्द्रिय आत्माना ज्ञानसहित हता. पहेलांं
अनादिथी संसारमां रहेला ते जीवे सिंहना भवमां मुनिओना उपदेशथी सम्यक्त्व