Atmadharma magazine - Ank 332
(Year 28 - Vir Nirvana Samvat 2497, A.D. 1971)
(Devanagari transliteration).

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: जेठ : २४९७ आत्मधर्म : ३१ :
जेने नमस्कार करुं छुं ते भगवान केवा छे? अने नमस्कार करनार हुं केवो छुं?
ते बंनेनी ओळखाणपूर्वक अहीं नमस्कार कर्यां छे. हुं ज्ञानदर्शन सामान्यस्वरूप
स्वसंवेदनप्रत्यक्ष छुं अने नमस्कार करवा योग्य जे भगवान छे तेओए शुद्धोपयोगना
सामर्थ्यथी चार घातीकर्मोनो क्षय कर्यो छे, ने सर्वज्ञ परमेश्वर थया छे, तथा
शुद्धोपयोगरूप धर्मपरिणतिना ज कर्ता छे, रागना कर्ता नथी, ने राग करवानो तेमनो
उपदेश नथी. आ रीते ओळखीने, एटले पोतामां पण रागनुं कर्तृत्व छोडीने अने
शुद्धोपयोगरूप धर्मनुं कर्तृत्व प्रगट करीने, भाव नमस्कार कर्यां छे.
मारा आत्माना स्वसंवेदनप्रत्यक्षपूर्वक सर्वज्ञदेवना स्वरूपनो पण निर्णय करीने
तेमने नमस्कार करूं छुं. अरिहंतदेवने त्यारे ज ओळख्या कहेवाय छे ज्यारे अंतर्मुख
थईने पोते पोताना आत्मानुं स्वसंवेदन करे. ते अरिहंत तरफना विकल्पमां ऊभो नथी
रहेतो पण शुद्ध चेतन तत्त्वने लक्षमां लईने, तेमां पर्यायने अंतर्लीन करीने निर्विकल्प
अनुभवसहित सम्यग्दर्शन प्रगट करे छे. जैनदर्शननी शैली ज कोई अनेरी छे. अंतरना
स्वभावमांथी मार्गनी शरूआत थाय छे; बहारना लक्षे मार्गनी शरूआत थती नथी.
जेणे स्वसंवेदन–प्रत्यक्षथी आत्मानो निर्णय कर्यो तेणे पंच परमेष्ठीने परमार्थ
नमस्कार कर्यां; अने तेणे अनुमानथी सर्वज्ञ परमात्मानो साचो निर्णय करीने तेमने
व्यवहार नमस्कार कर्यां, आम निश्चय – व्यवहारनी अलौकिक संधिपूर्वकनी वात छे.
एकला परने नमस्कार नथी; अंतरमां पोताना स्वभाव तरफ झुकीने पोते
पोताने नम्यो ने शुद्धता प्रगट करी, ते निश्चय थयो, अने त्यां शुभ विकल्प वखते
भगवानने नमस्काररूप व्यवहार छे. अहो! कुंदकुंदस्वामीनी अनुभववाणी तो सर्वज्ञ
परमात्मानी वाणी साथे तुलना थाय एवी छे. आचार्य पोते पंचपरमेष्ठीपदमां त्रीजा
पदमां बिराजमान छे. तेओ पंचपरमेष्ठीने नमस्काररूप अपूर्व मंगळ करे छे. आ तो
मोक्षलक्ष्मीनो स्वयंवर छे. पोते मोक्षलक्ष्मीने वरवा जाय छे त्यां पंचपरमेष्ठी भगवंतोने
पोताना आंगणे बोलावे छे: अहो, पंचपरमेष्ठी भगवंतो! अहो, विदेहमां बिराजतां
सीमंधरादि भगवंतो! अने गणधर भगवंतो! आप सौ वीतरागताना आ आनंद–
उत्सवमां पधारो....पधारो....पधारो....मारी शुद्ध चैतन्यसत्तानो निर्णय करीने तेमां हुं
आपने पधरावुं छुं....ने समस्त रागादि परभावोने जुदा करुं छुं.