Atmadharma magazine - Ank 335
(Year 28 - Vir Nirvana Samvat 2497, A.D. 1971)
(Devanagari transliteration).

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: भाद्रपद : २४९७ आत्मधर्म : २३ :
तीर्थंकर! तेओ पण सभामां गंभीरपणे बेठा हता. सभामां कोईए श्रीकृष्णना बळनां
वखाण कर्या, तो कोईए नेमकुमारनां वखाण कर्या. कोनुं बळ वधे तेनी परीक्षा करवानुं
नक्की थयुं. त्यारे नेमकुमार टचली आंगळी लंबावीने श्रीकृष्णने कहे छे के तमारामां बळ
होय तो आ आंगळी वांकी करी आपो! श्रीकृष्ण ते आंगळीए टींगाई गया तोपण
आंगळी वांकी न करी न शक्या.–आवुं अचिंत्य शरीरबळ, छतां ते वखतेय आत्माने
तेनाथी सर्वथा जुदो ज जाणता हता; सम्यक्त्वमां आठे मदनो अभाव हतो.
अस्थिरतानो विकल्प आव्यो पण तेमां सम्यकत्व संबंधी कोई दोष न हतो. आवा
सम्यकत्वने ओळखीने तेनी आराधना करवानो उपदेश छे.
धर्मात्माने कुदरते पुण्यना ठाठ आवे, पण ते जाणे छे के आ पुण्यना ठाठमां अमे
नथी; अमारा चैतन्यना ठाठ एनाथी जुदा ज छे. अमारुं सामर्थ्य अमारी अंदर समाय
छे, अमारा चैतन्यनुं बळ कांई देहमां नथी. आवा भानमां धर्मीने शरीरना बळनो मद
नथी. शरीरथी जे धर्म माने तेने शरीरनो मद थया विना रहे नहीं.
७. तपमद : पोते कोई उपवास स्वाध्यायादि तप करतो होय ने बीजा धर्मात्माने
उपवासादिनी विशेषता न होय त्यां धर्मी जीव पोताने अधिक ने बीजाने हलको मानीने
तपमद करतो नथी. अहा, खरा तपस्वी तो ते शुद्धोपयोगी मुनि भगवंतो छे के जेओ
चैतन्यना उग्र प्रतपन वडे वीतरागभाव प्रगटावीने कर्मोने भस्म करी नांखे छे; हुं तो हजी
प्रमादमां पड्यो छुं. शरीरनी निर्बळताथी कोई उपवासादि तप न करी शके पण ज्ञान–
ध्यायनी उग्रता वडे आत्मानी शुद्धता वधारता होय तो ते धन्य छे. आ प्रमाणे सम्यग्द्रष्टिने
तपनो मद थतो नथी. मद ते तो कषाय छे, ने तप ते तो कषायना नाशने माटे छे.
८. ऐश्चर्यमद : एटले पूज्यपणानो मद अथवा अधिकारनो मद, ते धर्मात्माने
होतो नथी. अमे तो सर्वज्ञना पुत्र छीए; अमारुं पद तो सर्वज्ञपद छे, बीजा कोई
अमारां पद नथी. केवळज्ञान वडे ज अमारी मोटाई छे, ए सिवाय बहारनां राजपद के
प्रधानपद वडे अमारा आत्मानी मोटाई नथी.–आम जाणनार धर्मीने बहारनी
मोटाईनो मद होतो नथी. पुण्ययोगे बहारनी मोटाई ने ठाठमाठ होय पण तेने कारणे
पोताना आत्मानी मोटाई धर्मी मानता नथी.
‘लक्ष्मी अने अधिकार वधतां शुं वध्युं ते तो कहो? ’ ए तो बधा संसारना ठाठ
छे, तेमां कांई आत्मानी शोभा नथी. मारो आत्मा पोते सिद्ध परमेश्वर छे,–एनी पासे
बीजुं क्युं ऐश्वर्य के मोटाई छे के जेनो हुं मद करुं?