Atmadharma magazine - Ank 345
(Year 29 - Vir Nirvana Samvat 2498, A.D. 1972)
(Devanagari transliteration).

< Previous Page   Next Page >


PDF/HTML Page 32 of 45

background image
: अषाढ: २४९८ आत्मधर्म :२९:
चैतन्यज्ञानना चमकारा
[गुरुदेवनां प्रवचनो तेमज चर्चाओमांथी]
विकल्पनी हीनता....ज्ञाननीमहानता
विकल्प वडे चैतन्यना गुणोनुं वेदन थतुं नथी; ते विकल्प पोते पोताने के कोई गुणने
विकल्पनी शक्ति अत्यंत हीन छे, तेनामां जाणवानी शक्ति के आनंद देवानी शक्ति तो
स्वतरफ वळेली ज्ञानपर्यायमां वीतरागता प्रसिद्ध थई छे, रागने तेमां स्थान रह्युं नथी.
बीज ऊगी ए तो चन्द्रनो कटको छे, ए कांई ठीकरुं नथी; तेम भेदज्ञान थयुं ते तो
ज्ञानस्वभावनी दशा छे, ते कांई विकल्पनो कटको नथी. स्वभावमांथी