Atmadharma magazine - Ank 347
(Year 29 - Vir Nirvana Samvat 2498, A.D. 1972)
(Devanagari transliteration).

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भादरवो : २४९८ : आत्मधर्म : ३ :
मुमुक्षुसमाजनां शिरोमणि छे, महिलासमाजनां छत्र छे, ब्रह्मचारी बहेनोनां
प्राण छे अने आत्मार्थीओनां महान आदर्श छे. माता जेम बाळकनी संभाळ
राखे छे तेम, हे धर्ममाता! आपना शरणे आवेलां अम बाळकोनी संभाळ
राखी, भावी देवाधिदेवनी सभामां आपनी साथे ज राखजो अने शाश्वत
ज्ञानानंदनी पूर्ण प्राप्ति सुधी आपनो कल्याणकारी साथ आपजो.–एवी
अंतरनी ऊर्मिथी आज जन्मजयंतीना मंगल दिने आपने सादर भावभीनी
श्रद्धांजलि अर्पण करी विरमुं छुं.
–ब्र. चंदुलाल खीमचंद झोबाळिया, सोनगढ
(अनुसंधान पृष्ठ ४नुं चालु)
छे; धर्मरत्न छे; हिंदुस्तानमां बेन जेवुं अजोड स्त्रीओमां कोई छे नहि; अजोड रत्न छे;
बाईओनां भाग्य छे के बेन जेवा आ काळे पाक््यां छे;” ईत्यादि वचनो द्वारा भावार्द्र चित्ते
प्रसन्नता व्यक्त करी हती. प्रवचन पछी श्रद्धांजलि–समर्पण–समारोहमां प्रमुख श्री
नवनीतलालभाई झवेरी, श्री खीमचंदभाई शेठ, श्री बाबुभाई महेता तथा चिमनलालभाई
मोदीए भावभीनी श्रद्धांजलि समर्पी हती. त्यार पछी जन्मजयंतिनी खुशालीमां ‘प९’ आंकना
एकमथी रूा. २२००० उपरांतनी रकमो श्री परमागममंदिर खाते जाहेर थई हती.
आ उत्सवमां पूनमना दिने श्री हेमकुंवरबेन कामाणी तरफथी तथा पूज्य बहेनश्रीना
मंगल जन्मदिने श्री व्रजलाल भाईलाल शाह, सूरतवाळा तरफथी –एम बे जमण घणी
होंशपूर्वक थयां हतां. बीजना दिने गुरुदेवना प्रवचन पछी श्रीफळनी प्रभावना थई हती. त्रणे
दिवस सोनगढना मुमुक्षुमंडळमां घरदीठ स्टीलनां वासणोनी लहाणी थई हती.
जन्मजयंतिना मांगलिक दिने पूज्य बहेनश्री–बहेनना घरे कल्याणकारी पूज्य गुरुदेवना
आहारदाननो मंगल प्रसंग तथा ते प्रसंगे पूज्य बहेनश्री–बहेननी गुरुभक्ति उपस्थित जनोने
प्रमुदित करती हती. त्यार पछी आश्रमना स्वाध्याय–भवनमां समग्र मुमुक्षु भाई–बहेनो पूज्य
बहेनश्रीनां दर्शन करवा आव्यां हतां.
रात्रे महिलामुमुक्षुसमाजमां पूज्य बहेनश्रीनुं अध्यात्मरसझरतुं वांचन थयुं हतुं. छेवटे
ब्रह्मचारी बहेनो वगेरे द्वारा गवायेलां प्रसंगोचित मांगलिक भक्तिगीतो ईत्यादिपूर्वक महोत्सव
पूर्णताने पाम्यो हतो.
आ रीते आत्मार्थीजनोने आह्लादकारक एवो आ आनंदमंगलमय उत्सव सुवर्णपुरीमां
जयजयकारपूर्वक उजवाई गयो.