Atmadharma magazine - Ank 350
(Year 30 - Vir Nirvana Samvat 2499, A.D. 1973)
(Devanagari transliteration).

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: ३६ : आत्मधर्म : मागशर : २४९९
(आ उपरांत आहारक – द्वय पण चोथा गुणस्थाने बंधाती न होवाथी कुल ४३
प्रकृति बंधाती नथी.) ते अविरत सम्यग्द्रष्टि जो के संयम धारण करी शकता नथी
तोपण तेमना अंतरमां तो संयम धारण करवानी चटपटी वर्ते छे. निरंतर संयम
भावना वर्ते छे.
अहो, सम्यग्द्रष्टिना आवा प्रशंसनीय गुणोनो खजानो, तेनुं दौलतरामजीने
सदाय रटण रह्या करे छे.
वाह! चैतन्यमूर्ति आत्मानी द्रष्टिवाळा सम्यग्द्रष्टि – अंतरात्मा जीवोनी दशा
कोई अद्भुत – अचिंत्य आश्चर्यकारी छे; तेनी ओळखाण करतां जीवने पोताना
आत्मस्वरूपनो कोई अचिंत्य महिमा लक्षमां आवे छे.
आत्मधर्म –प्रचार तथा
बालविभाग खाते
आवेल रकमोनी यादी
१०१ हसमुखलाल कांतिलाल गांधी बोटाद प१ चीमनलाल विक्रमचंद तथा
२प विजयलाल चुनीलाल मुंबई रसिकलाल विकमचंद वांकानेर
प१ रसिकलाल वृजलाल कामाणी मलाड प०१ स्वरूपचंद नेमचंद श्रोफ मुंबई
११ नवीनचंद्र मोहनलाल वोरा मुंबई २प सविताबेन नौतमलाल राजकोट
प१ शांतिलाल माणेकलाल शाह शांताक्रुझ प१ प्रेमचंद ओघडभाई परमार चुडा
प१ शेठ खेमराज दुलीचंद खैरागढ २प लीलाबेन काळीदास कामदार मुंबई
८३ शा. छोटालाल डामरदास सोनगढ १०१ धर्मीष्ठाबेन धीरजलाल डेलीवाळा मलाड
प०१ श्री कहाननगर – सोसायटी सोनगढ २प ईलाबेन मनसुखलाल शाह पालेज
प१ जगदीशचंद्र नवलचंद लोदरीया सोनगढ २प जयेश हसमुखलल शाह अमदावाद
१०१ शाह बलुभाई चुनीला मुंबई ११ सुशीलाबेन रश्मीकांत मोदी मुंबई
प१ झनकारीबेन खेमराज्जी जैन खैरागढ १० दिव्येश चंद्रकान्त महेता वडोदरा
२प मोहनलाल वीरजी लाठी