Atmadharma magazine - Ank 351
(Year 30 - Vir Nirvana Samvat 2499, A.D. 1973)
(Devanagari transliteration).

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अजोड शासन– प्रभावी संत
अहो, कुंदुकंदप्रभु! विदेहक्षेत्रनी यात्रा करीने आप
सीमंधरपरमात्मा पासेथी अमारा माटे ऊंची – ऊंची वस्तु लाव्या...
शुं लाव्या? चैतन्यनी अनुभूति लाव्या, आत्मानो वैभव लाव्या...
भूत – भविष्यना महान संदेशा लाव्या.... प्रभो! आ भरतक्षेत्रना
जीवो उपर आपनो अजोड उपकार छे. आजे कहानगुरु आपना
शासननो महान प्रभाव भरतक्षेत्रमां फेलावी रह्या छे... तेओश्रीनो
पण अमारा उपर महान उपकार छे. तेमना प्रतापे मुमुक्षु हृदयोमां
आपनुं भावश्रुत टंकोत्कीर्ण थयुं छे, ने आरसमां आपनुं द्रव्यश्रुत पण
टंकोत्कीर्ण थई रह्युं छे.
अजोड शासन– प्रभावी संत
अहो, कुंदुकंदप्रभु! विदेहक्षेत्रनी यात्रा करीने आप
सीमंधरपरमात्मा पासेथी अमारा माटे ऊंची – ऊंची वस्तु लाव्या...
शुं लाव्या? चैतन्यनी अनुभूति लाव्या, आत्मानो वैभव लाव्या...
भूत – भविष्यना महान संदेशा लाव्या.... प्रभो! आ भरतक्षेत्रना
जीवो उपर आपनो अजोड उपकार छे. आजे कहानगुरु आपना
शासननो महान प्रभाव भरतक्षेत्रमां फेलावी रह्या छे... तेओश्रीनो
पण अमारा उपर महान उपकार छे. तेमना प्रतापे मुमुक्षु हृदयोमां
आपनुं भावश्रुत टंकोत्कीर्ण थयुं छे, ने आरसमां आपनुं द्रव्यश्रुत पण
टंकोत्कीर्ण थई रह्युं छे.